बिहारीगढ, दून व हल्द्वानी के आसपास के इलाकों के पुनर्विकास पर काम करें अधिकारी
राज्य में पीपीपी परियोजनाओं को बढ़ावा देने पर विशेष ध्यान दिया जाय
यूआईआईडीबी की बोर्ड बैठक में 10 करोड के प्रारम्भिक कॉरपस कोष के गठन को मंजूरी
उत्तराखण्ड निवेश और आधारिक संरचना विकास बोर्ड की पहली बैठक
देहरादून। उत्तराखण्ड निवेश और आधारिक संरचना विकास बोर्ड (यू.आई.आई.डी.बी.) की पहली बैठक 10 करोड के प्रारम्भिक कॉरपस कोष के गठन को मंजूरी दी गई। बैठक में सीएम धामी ने कहा कि पीएम मोदी के वेडिंग डेस्टिनेशन विजन के लिए वेडिंग प्लानर का सहयोग लिया जाएगा। सचिवालय में आहूत बैठक में बोर्ड एवं कार्य समिति की संरचना के साथ ही 10 करोड़ के प्रारम्भिक कॉरपस कोष के गठन को भी मंजूरी दी गई। मुख्यमंत्री ने प्रदेश में दो नई टाउनशिप के प्रस्तावों पर भी शीघ्र कार्यवाही के साथ बिहारीगढ के आसपास के क्षेत्रों के विकास के साथ रेसकोर्स, यमुना कॉलोनी, एच.एम.टी. रानीबाग के पुनर्विकास की योजनाओं पर भी ध्यान देने को कहा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के बुनियादी ढांचे के विकास से जुडी परियोजनाओं की पहचान कर प्राथमिकता के साथ उनका सफल क्रियान्वयन किया जाय। राज्य में हवाई अड्डों के विकास एवं विस्तार, दूरसंचार अवसंरचना, मेडिकल कॉलेजों के विकास, नई टाउनशिप-आवास, औद्योगिक लॉजिस्टिक गलियारे, पर्यटन संबंधी निर्माण विकास जैसी बुनियादी ढांचे के क्षेत्र की परियोजनाओं के विकास के लिए अत्यधिक पूंजी निवेश की आवश्यकता होती है। उन्होंने कहा कि राज्य में सीमित वित्तीय संसाधनों के दृष्टिगत राज्य के आधारभूत अवसंरचनात्मक ढांचे के विकास के लिए पूंजीगत आवश्यकताओं की पूर्ति हेतु इस क्षेत्र के घरेलू और अंतरराष्ट्रीय पूंजी निवेशकों को आकर्षित किया जाना आवश्यक है।इसके लिए लोक निजी सहभागिता (पी०पी०पी०) परियोजनाओं के प्रोत्साहन पर विशेष ध्यान देना होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के बुनियादी ढांचागत विकास के क्षेत्र में निरन्तर परिवर्तित हो रहे परिदृश्य एवं विकास की नवीन आवश्यकताओं के दृष्टिगत उत्तराखंड राज्य में आधारभूत ढांचे के विकास को तेजी से आगे बढ़ाने हेतु और पी०पी०पी० परियोजनाओं को विकसित करने हेतु उत्तराखण्ड निवेश और आधारिक संरचना विकास बोर्ड (यू.आई.आई.डी.बी.) गठित किया गया है। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि राज्य हित में जिन उद्देश्यों की पूर्ति के लिये यू.आई.आई.डी.बी. का गठन किया गया उसके परिणाम शीघ्र धरातल पर दिखाई दे इसके लिये प्रभावी कार्ययोजना के साथ कार्य किया जाय।
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि बोर्ड की संरचना तथा कार्यकारी समिति से संबंधित विभागों के उच्चाधिकारियों सहित अच्छे विषय विशेषज्ञों को भी नामित किया जाय। यदि बोर्ड से अच्छे और अनुभवी विशेषज्ञ जुडेंगे तो कार्यों का संचालन भी बेहतर ढंग से हो सकेगा। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि जिन योजनाओं का क्रियान्वयन किया जाना है उनकी प्राथमिकता तय कर समयबद्धता के साथ उन्हें पूरा करने के प्रयास होने चाहिए। उन्होंने निर्देश दिये कि हरिद्वार, ऋषिकेश कोरिडोर, शारदा कोरिडोर के साथ वेडिंग डेस्टिनेशन के लिये प्रदेश के विभिन्न स्थलों पर स्थान चयन में प्राथमिकता दी जाय।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य वेडिंग डेस्टिनेशन के लिये त्रिजुगीनारायण के अलावा कई और भी सुरम्य स्थल है। राज्य को वेडिंग डेस्टिनेशन के रूप में विकसित करने के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के भी निर्देश है। इस दिशा में तेजी से कार्य किया जाय। इसके लिये उन्होंने वेडिंग प्लानर की सेवा लेने को भी कहा।
बैठक में मुख्य सचिव डॉ.एस.एस.संधु, अपर मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन, सचिव आर. मीनाक्षी सुन्दरम, विनय शंकर पाण्डे सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।