Tourists are disillusioned with Nainital at the beginning of the tourist season… 3 decisions spoiled the whole gameइस खबर को शेयर करेंLatest posts by Sapna Rani (see all)नैनीताल. उत्तराखंड की खूबसूरत सरोवर नगरी नैनीताल में हर साल अप्रैल माह के साथ ही पर्यटकों की भारी भीड़ उमड़ पड़ती है. गर्मी से राहत पाने और प्रकृति के सौंदर्य का आनंद लेने के लिए देशभर से सैलानी यहां पहुंचते हैं. लेकिन इस बार तस्वीर कुछ अलग नजर आ रही है. अप्रैल की शुरुआत के बावजूद नैनीताल में पर्यटकों की संख्या में कमी आई है. न ही सड़कों पर चहल-पहल है और न ही पार्किंग में गाड़ियों की भीड़.स्थानीय व्यापारियों और टूरिस्ट गाइडों का कहना है कि इस बार पर्यटकों की संख्या में भारी गिरावट दर्ज की गई है. ज्यादातर छोटे होटल, गेस्ट हाउस और रेस्टोरेंट खाली पड़े हैं, जिससे कारोबार पर सीधा असर पड़ा है. इस अप्रत्याशित गिरावट के पीछे का कारण स्थानीय लोग नगर पालिका द्वारा टोल और पार्किंग शुल्क में की गई भारी वृद्धि को मानते हैं. गौरतलब है कि हाल ही में नगर पालिका ने नैनीताल में प्रवेश करने वाले वाहनों पर लगने वाले टोल टैक्स और पार्किंग शुल्क में इजाफा किया है. नगर में पार्किंग शुल्क बढ़ाकर 500 रुपए कर दिया गया है, तो वहीं टोल शुल्क को बढ़ाकर 300 रुपए किया गया है, हालांकि बढ़े हुए टोल को अभी लागू नहीं किया गया है.50 प्रतिशत तक घट गया पर्यटनस्थानीय टूरिस्ट गाइड का कहना है कि नैनीताल के पर्यटन पर पार्किंग के बढ़े हुए पार्किंग चार्ज का असर पड़ा है. जिस वजह से नैनीताल में पर्यटन कम हुआ है, वहीं स्थानीय टैक्सी कारोबारी गौरव का कहना है कि पहले अप्रैल माह की शुरुआत में ही काफी संख्या में पर्यटक नैनीताल पहुंचते थे, लेकिन जबसे पार्किंग और टोल टैक्स को बढ़ाया गया है, नैनीताल में पर्यटन 50 प्रतिशत तक घटा है.नैनीताल नगरपालिका अध्यक्ष डॉ. सरस्वती खेतवाल का कहना है कि शहर में पर्यटन के कम होने का कारण नगरपालिका की पार्किंग शुल्क बढ़ोत्तरी नहीं है, जबकि इसका कारण जिला प्रशासन द्वारा नैनीताल के बाहर पर्यटकों के वाहनों को रोका जाना है. जिस वजह से कम पर्यटक नैनीताल पहुंच रहे हैं.
पर्यटन सीजन की शुरुआत में नैनीताल से पर्यटकों का मोहभंग… 3 फैसलों ने बिगाड़ा सारा खेल – Uttarakhand
