― Advertisement ―

Homehindiउत्तराखंड में 15 दिन में प्राकृतिक आपदा और सड़क हादसों में 32...

उत्तराखंड में 15 दिन में प्राकृतिक आपदा और सड़क हादसों में 32 लोगों ने गंवाई जान – Uttarakhand myuttarakhandnews.com

Latest posts by Sapna Rani (see all)देहरादून: उत्तराखंड राज्य में 29 जून को मानसून की दस्तक के बाद से ही बारिश का सिलसिला जारी है. वर्तमान स्थिति यह है कि 2 जुलाई से 5 जुलाई तक प्रदेश के तमाम हिस्सों में भारी बारिश को लेकर मौसम विभाग ने रेड अलर्ट जारी किया है. साथ ही मौसम विभाग ने इन सभी क्षेत्रों में अत्यधिक भारी बारिश की आशंका जताते हुए तमाम सलाह भी दी हैं.प्राकृतिक आपदा और हादसों का कहर: प्रदेश के तमाम हिस्सों में भारी बारिश के चलते आपदा जैसे हालात बनने की आशंका है. पिछले 15 दिनों के आंकड़ों पर गौर करें तो प्राकृतिक आपदा और सड़क दुर्घटनाओं में अभी तक 32 लोगों मौत हो चुकी है. 54 लोग घायल हो चुके हैं. राज्य परिचालन केंद्र से मिली जानकारी के अनुसार 15 जून के बाद से ही प्रदेश भर में प्री मानसून और मानसून की प्राकृतिक आपदा के चलते पांच लोगों की मौत और तीन लोग घायल हुए हैं. इसके अलावा छोटे बड़े 5 जानवरों के साथ ही 18 मकान क्षतिग्रस्त हो चुके हैं. अलग अलग सड़क दुर्घटनाओं में 27 लोगों की मौत और 51 लोग घायल हुए हैं. ऐसे में मौसम विभाग ने एक बार फिर प्रदेश के खासकर कुमाऊं क्षेत्र के कई जिलों में अगले चार दिनों तक भारी बारिश को लेकर रेड अलर्ट जारी किया है. इसके तहत 2 जुलाई से 5 जुलाई तक पिथौरागढ़, बागेश्वर, अल्मोड़ा, चंपावत, नैनीताल और उधमसिंह नगर में अत्यधिक भारी बारिश को लेकर रेड अलर्ट जारी किया गया है.भारी बारिश का रेड अलर्ट: इसके अलावा देहरादून, हरिद्वार, पौड़ी गढ़वाल और टिहरी गढ़वाल में भारी बारिश को लेकर ऑरेंज अलर्ट जारी किया है. इसके साथ ही मौसम विभाग ने प्रदेश के तीन जिले उत्तरकाशी, चमोली और रुद्रप्रयाग जिले में बारिश की संभावना जताते हुए येलो अलर्ट जारी किया है. यानी तीन जिलों को छोड़ बाकी प्रदेश के 10 जिलों में भारी बारिश की संभावना है. मौसम विभाग ने रेड अलर्ट जारी करते हुए कहा है कि कहीं कहीं बिजली गिरने से जानमाल का नुकसान, संवेदनशील क्षेत्रों में भूस्खलन होने से सड़कों को नुकसान, निचले इलाकों में जलभराव की आशंका और प्रदेश के पर्वतीय क्षेत्रों के नालों और धाराओं का जलस्तर बढ़ने की आशंका है.भारी बारिश के चलते तमाम सड़के हैं बाधितरुद्रप्रयाग जिले में 4 ग्रामीण मोटर मार्ग क्षतिग्रस्त हैं, जिसके चलते यहां यातायात अवरुद्ध हैबागेश्वर जिले में 10 ग्रामीण मोटर मार्ग क्षतिग्रस्त हैं, जिसके चलते यहां यातायात अवरुद्ध हैदेहरादून जिले में 6 ग्रामीण मोटर मार्ग क्षतिग्रस्त हैं, जिसके चलते यहां यातायात अवरुद्ध हैपिथौरागढ़ जिले में एक बॉर्डर मार्ग और 6 ग्रामीण मोटर मार्ग अवरुद्ध हैंनैनीताल जिले में 10 ग्रामीण मोटर मार्ग अवरुद्ध हैं, जिसके चलते यहां यातायात बाधित हैपौड़ी गढ़वाल जिले में 2 ग्रामीण मोटर मार्ग अवरुद्ध हैं, जिन्हें खोलने की कार्रवाई चल रही हैचमोली जिले में 12 ग्रामीण मोटर मार्ग अवरुद्ध हैं, जिन्हें खोलने की कार्रवाई चल रही हैटिहरी जिले में 4 ग्रामीण मोटर मार्ग अवरुद्ध हैं