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उत्तराखंड की अर्थव्यवस्था में 46 हजार करोड़ की बढ़ोतरी, 9.31 लाख लोगों को मिला रोजगार – Uttarakhand

46 thousand crores increase in Uttarakhand's economy, 9.31 lakh people got employment46 thousand crores increase in Uttarakhand's economy, 9.31 lakh people got employment46 thousand crores increase in Uttarakhand’s economy, 9.31 lakh people got employmentइस खबर को शेयर करेंLatest posts by Sapna Rani (see all)देहरादून: उत्तराखंड की अर्थव्यवस्था में एक साल में 46,000 करोड़ की बढ़ोतरी हो गई है। राज्य की जीडीपी 6.61 प्रतिशत और प्रति व्यक्ति आय में 11.33 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। खास बात ये भी है कि दो साल में राज्य में 9.31 लाख लोगों को नए रोजगार मिले हैं।सचिवालय स्थित मीडिया सेंटर में प्रमुख सचिव नियोजन आर मीनाक्षी सुंदरम ने राज्य के आर्थिक सर्वेक्षण के आंकड़े पेश किए। उन्होंने बताया कि चूंकि ये रिपोर्ट विधानसभा में पेश होनी है, इसलिए विस्तृत जानकारी बाद में जारी होगी। राज्य की अर्थव्यवस्था 2023-24 में 3,32,000 करोड़ थी जो कि 2024-25 में 3,78,000 करोड़ अनुमानित की गई है। यानी अर्थव्यवस्था में 46,000 करोड़ की बढ़ोतरी। इसी प्रकार राज्य की जीडीपी 6.61 प्रतिशत अनुमानित की गई है, जबकि राष्ट्रीय आंकड़ा 6.4 प्रतिशत का है। पिछले वर्ष राज्य की जीडीपी 7.83 प्रतिशत जबकि राष्ट्रीय जीडीपी 8.2 प्रतिशत अनुमानित थी।प्रमुख सचिव सुंदरम ने बताया कि इसी तरह वास्तविक सकल राज्य घरेलू उत्पाद (आधार वर्ष 2011-12) के अनुसार वर्ष 2024-25 में अर्थव्यवस्था का आकार 217.82 हजार करोड़ रुपये का स्तर प्राप्त करने का अनुमान है जबकि वर्ष 2023-24 में अर्थव्यवस्था का आकार 204.32 हजार करोड़ प्राप्त करने का अनुमान था।प्रति व्यक्ति आय 11.33 फीसदी बढ़ीवित्तीय वर्ष 2024-25 में उत्तराखंड की प्रतिवर्ष प्रति व्यक्ति आय 2,74,064 रुपए होने का अनुमान है, जो कि वित्तीय वर्ष 2023- 24 की तुलना में 11.33 प्रतिशत अधिक है। वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए प्रति व्यक्ति आय 2,46,178 रुपए अनुमानित थी। राष्ट्रीय स्तर पर देखें तो वर्ष 2024-25 में प्रति व्यक्ति आय 2,00,162 रुपए अनुमानित है जो कि वर्ष 2023-24 की तुलना में 8.7 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है। वर्ष 2023- 24 में 1,84,205 रुपए प्रति व्यक्ति आय अनुमानित की गई थी।दो साल में 9.31 लाख रोजगार मिलेप्रमुख सचिव ने बताया कि राज्य में श्रम शक्ति भागीदारी दर वर्ष 2022 में 48.7 प्रतिशत थी जो कि दो साल में बढ़ गई। 2024 में यह दर 58.1 प्रतिशत रिकॉर्ड की गई है। उन्होंने बताया कि दो साल में 9.31 लाख नए रोजगार मिले हैं। रोजगार में 21.75 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई है।इकोलॉजी-इकोनॉमी संतुलन की जिम्मेदारी टीबीआई कोप्रमुख सचिव नियोजन मीनाक्षी सुंदरम ने बताया कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का इकोलॉजी व इकोनॉमी के संतुलन पर जोर है। ताकि पर्यावरण संरक्षण के साथ विकास आगे बढ़े। इसके लिए ब्रिटेन के टोनी ब्लेयर इंस्टीट्यूट फॉर ग्लोबल चेंज को जिम्मेदारी सौंपी गई है। यह संस्था इस पर अध्ययन कर अपनी रिपोर्ट देगी। उसी हिसाब से सरकार आगे का निर्णय लेगी।वित्त आयोग से मांगेंगे पर्यावरणीय सेवा का लाभराज्य वैसे तो कई बार वित्त आयोग के सामने पर्यावरणीय सेवा के बदले लाभ की मांग कर चुका है, लेकिन इसकी कोई परिभाषित वैल्यू न होने की वजह से लाभ नहीं मिल पाया। लिहाजा, इस बार सरकार ने पर्यावरणीय सेवा की वैल्यू निकालने की जिम्मेदारी गोविंद बल्लभ पंत राष्ट्रीय हिमालयी पर्यावरण एवं सतत विकास संस्थान (जीबीपीएनआईएचईएसडी) को सौंपी है। यह वैल्यू वित्त आयोग के समक्ष रखी जाएगी।