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उत्तराखंड के 6 और उत्तर प्रदेश के 10 विश्वविद्यालय डिफॉल्टर लिस्ट में, देखें पूरी लिस्ट – Uttarakhand myuttarakhandnews.com

Latest posts by Sapna Rani (see all)देहरादून: लोकपाल नियुक्त न करने पर उत्तराखंड की चार सरकारी और दो निजी यूनिवर्सिटी को यूजीसी ने डिफॉल्टर घोषित कर दिया है। विगत 19 जून को यूजीसी सचिव प्रो. मनीष आर जोशी की ओर से देश के 157 विवि की सूची जारी कर इन्हें डिफॉल्टर बताया गया। यूजीसी ने इसी साल 17 जनवरी को एक आदेश जारी करते हुए सभी विश्वविद्यालयों को लोकपाल नियुक्त करने को निर्देशित किया था। एक जून तक यूसीजी को अपडेट करने के लिए भी कहा गया था। ऐसा न करने पर यह कार्रवाई की गई।पूर्व में लोकपाल के नामित करने की प्रक्रिया में राजभवन स्तर से भी अनुमति लेनी होती थी, वह प्रक्रिया गतिमान थी। बीच में यूजीसी ने विवि को ही अधिकार दे दिया। मगर, सूचना समय से नहीं मिल सकी। अब जैसे ही जानकारी मिली, लोकपाल नियुक्त कर दिए हैं।– प्रो. डॉ. आशीष उनियाल, कुलसचिव-एचएनबी मेडिकल विविइसलिए लोकपाल जरूरीदेशभर की यूनिवर्सिटी में विद्यार्थियों की शिकायतों के निस्तारण के लिए शिकायत निवारण विनियम-2023 के तहत लोकपाल की नियुक्ति अनिवार्य है। फीस, सर्टिफिकेट, उत्पीड़न के साथ साथ परीक्षा में गड़बड़ी, प्रवेश से जुड़ी गड़बड़ी, छात्रवृत्ति, एडमिशन की गड़बड़ी समेत तमाम शिकायतों का निस्तारण 15 दिन के भीतर करना होता है।इन विश्वविद्यालयों पर सख्तीउत्तराखंड की एचएनबी मेडिकल विवि, उत्तराखंड आयुर्वेद विवि देहरादून, जीबी पंत यूनिवर्सिटी ऑफ एग्रीकल्चर एंड टेक्नोलॉजी पंतनगर, वीर चंद्र सिंह गढ़वाली उत्तराखंड यूनिवर्सिटी ऑफ हॉर्टिकल्चर एंड फोरेस्ट्री, क्वांटम यूनिवर्सिटी मंडावर रुड़की, हरिद्वार यूनवर्सिटी रुड़की।यूजीसी की सख्ती पर मेडिकल विवि ने नियुक्त किए लोकपालएचएनबी मेडिकल विवि ने यूजीसी की सख्ती के बाद लोकपाल की नियुक्ति कर दी। दून मेडिकल कॉलेज के पूर्व एवं सुभारती मेडिकल कॉलेज मेरठ के प्राचार्य प्रो. प्रदीप भारती गुप्ता को तीन वर्ष के लिए लोकपाल बनाया गया है। कुलपति प्रो. एमएलबी भट्ट ने नियुक्ति आदेश जारी किया है। एचएनबी मेडिकल विवि ने छात्र शिकायत निवारण समिति का भी गठन किया है, जिसमें दून मेडिकल कॉलेज की डॉ. चित्रा जोशी को अध्यक्ष, डॉ. दौलत सिंह, डॉ. शेखर पाल, डॉ. एएन सिन्हा, नर्सिंग कॉलेज प्राचार्य मनीषा ध्यानी, मेडिकल छात्र केशर जाजोदिया को सदस्य बनाया गया है। कुलसचिव प्रो. आशीष उनियाल ने कमेटी गठन का आदेश जारी किया।यूपीचंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (सीएसए) को डिफॉल्टर घोषित किया गया है। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने लोकपाल नियुक्त न करने पर सीएसए के अलावा बुंदेलखंड विश्वविद्यालय झांसी, सरदार वल्लभ भाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय मेरठ समेत उत्तर प्रदेश के 10 विश्वविद्यालयों के नाम डिफॉल्टर विवि की सूची शामिल किए हैं।यूपी से अटल बिहारी वाजपेयी मेडिकल विश्वविद्यालय लखनऊ, जननायक चंद्रशेखर विश्वविद्यालय बलिया, महाराजा सुहेलदेव राज्य विश्वविद्यालय आजमगढ़, प्रो. राजेंद्र सिंह विश्वविद्यालय प्रयागराज, पं. दीनदयाल उपाध्याय पशु चिकित्सा विज्ञान विश्वविद्यालय एवं गो-अनुसंधान संस्थान मथुरा, किंग चार्ज यूनिवर्सिटी ऑफ डेंटल साइंसेस लखनऊ और उप्र यूनिवर्सिटी ऑफ मेडिकल साइंसेस सैफई इटावा को डिफॉल्टर की सूची में रखा गया है।बिहारबिहार में तीन सरकारी तथा दो निजी विश्वविद्यालय को इस सूची में शामिल किया गया है। सरकारी विश्वविद्यालयों में बिहार इंजीनियरिंग विश्वविद्यालय, पटना, बिहार चिकित्सा विज्ञान विश्वविद्यालय पटना एवं तिलका मांझी विश्वविद्यालय भागलपुर शामिल है। निजी विश्वविद्यालयों में अल करीम विश्वविद्यालय, कटिहार और माता गुजरी विश्वविद्यालय किशनगंज शामिल है।राजस्थानडिफॉल्टर सरकारी विश्वविद्यालयों में जयपुर की बाबा आमटे दिव्यांग यूनिवर्सिटी, जोधपुर की जय नारायण व्यास यूनिवर्सिटी, बीकानेर की महाराजा गंगा सिंह यूनिवर्सिटी, बीकानेर की वेटरनरी और एनिमल साइंसेज यूनिवर्सिटी, बीकानेर की स्वामी केशवानंद एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी, कोटा की कोटा यूनिवर्सिटी और जयपुर की विश्वकर्मा स्किल यूनिवर्सिटी का नाम शामिल है।इसी तरह यूजीसी ने प्राइवेट डिफॉल्टर यूनिवर्सिटीज का नाम भी सार्वजनिक किया है, जिनमें राजस्थान के 7 यूनिवर्सिटी हैं। इनमें जयपुर की अपेक्स यूनिवर्सिटी, जोधपुर की मौलाना आजाद यूनिवर्सिटी, उदयपुर की पेसिफिक मेडिकल यूनिवर्सिटी, जयपुर की प्रताप यूनिवर्सिटी, चित्तौड़गढ़ का श्री कल्लाजी वैदिक विश्वविद्यालय, जोधपुर की जोधपुर नेशनल यूनिवर्सिटी और कोटा की जय मिनेश आदिवासी यूनिवर्सिटी का नाम शामिल है।मध्यप्रदेश की सबसे ज्यादा यूनिवर्सिटीज डिफॉल्टर घोषितयूजीसी की तरफ से जारी की गई डिफॉल्टर यूनिवर्सिटीज की लिस्ट में मध्यप्रदेश का स्थान पहले नंबर पर है। एमपी की 16 यूनिवर्सिटीज को डिफॉल्टर घोषित किया गया है।मध्य प्रदेश के इन सरकारी विश्वविद्यालय डिफॉल्टर घोषित1. राजमाता विजयाराजे सिंधिया कृषि विश्वविद्यालय2. म्यूजिक एंड आर्ट्स यूनिवर्सिटी3. नानाजी देशमुख पशु चिकित्सा विज्ञान यूनिवर्सिटी4. मध्य प्रदेश मेडिकल साइंस यूनिवर्सिटी5. जवाहर लाल नेहरू कृषि यूनिवर्सिटी6. राजीव गांधी प्रौद्योगिकी यूनिवर्सिटी7. माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार यूनिवर्सिटी