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उत्तराखंड में कर्ज से डूबा युवक नहर में कूदा, दोस्तों ने जान पर खेलकर बचाई जिंदगी – Uttarakhand myuttarakhandnews.com

Latest posts by Sapna Rani (see all)मसूरी: उत्तराखंड के मसूरी क्षेत्र में मजदूरों की मानवता और सरकारी डॉक्टर की अमानवीयता एक साथ देखने को मिली। कर्ज से परेशान एक युवक ने आत्महत्या के इरादे से गंग नहर में छलांग लगाई तो पास में मौजूद एक ऑटो चालक और तीन मजदूर उसे बचाने के लिए नहर में कूद पड़े। किसी तरह युवक को बाहर निकालकर गंभीर हालत में डासना सीएचसी पहुंचाया गया। डासना सीएचसी पर मौजूद डॉक्टर ने पुलिस केस बताते हुए युवक को प्राथमिक उपचार देने से भी इनकार कर दिया। बाद में पुलिस से निर्देश पर युवक को भर्ती करके उसका उपचार किया गया। फिलहाल, युवक खतरे से बाहर है और परिजन उसे अपने साथ ले गए।नौकरी के लिए घर से बोलकर निकला थाक्रॉसिंग रिपब्लिक के डूंडाहेड़ा में रहने वाला युवक नोएडा की एक एक्सपोर्ट कंपनी में नौकरी करता है। युवक पर काफी कर्ज हो गया था, जिसे लेकर कर्ज देने वाले लगातार पैसा मांग रहे थे। आर्थिक हालत खराब होने के चलते वह कर्ज नहीं उतार पा रहा था और तकादे से परेशान होकर उसने खुदकुशी का प्रयास किया। बुधवार सुबह लगभग 9 बजे युवक घर से नौकरी पर जाने के लिए निकला और मसूरी स्थित गंग नहर पर पहुंच गया। पुल पर पहुंचकर युवक ने गंग नहर में छलांग लगा दी।चारों ने 50 मीटर आगे जाकर बचायाइस दौरान वहां नाहल के रहने वाले मोबीन, सलीम, दानिश और बाबू खड़े थे। चारों ने युवक को गंग नहर में कूदते देखकर उसे बचाने के लिए नहर में छलांग लगा दी। लगभग 50 मीटर आगे जाकर चारों ने युवक को पकड़ लिया और किनारे पर लाए। तब तक युवक की हालत खराब हो चुकी थी। सलीम ने बताया कि चारों उसे तुरंत सीएचसी डासना ले गए, लेकिन वहां मौजूद डॉक्टर ने युवक को प्राथमिक उपचार देने से भी साफ मना कर दिया। डॉक्टर का कहना था कि यह पुलिस केस है और पुलिस की अनुमति के बिना वह युवक का उपचार नहीं करेंगे। इस पर चारों दोस्त युवक को लेकर मसूरी थाने पहुंचे। हालांकि, थाना पुलिस ने मानवता दिखाई और तुरंत युवक को भर्ती करके उपचार और मेडिकल करने संबंधी चिट्ठी बनाकर चारों को दे दी। चारों दोस्त फिर से युवक को लेकर डासना सीएचसी पहुंचे, जिसके बाद युवक को प्राथमिक उपचार मिल सका और उसकी जान बची।बचाते समय एक युवक का मोबाइल गिराजानकारी मिलने पर युवक के परिजन भी सीएचसी डासना पहुंच गए और हालत में सुधार होने पर युवक को अपने साथ घर ले गए। सलीम ऑटो चालक हैं और दानिश क्रेन चलाते हैं, जबकि मोबीन और बाबू मजदूरी करते हैं। मोबीन और बाबू मजदूरी के लिए सलीम का ऑटो लेने पुल के पास पहुंचे थे, जब यह हादसा हुआ। युवक को बचाने में मोबीन का मोबाइल नहर में बह गया और उसका खाना भी नहर में गिर गया। मोबीन का कहना है कि उसने किसी की जान बचाई इसकी उसे खुशी है। मोबाइल वह फिर से ले लेंगे। वहीं, इस मामले में डासना सीएचसी प्रभारी डॉ. नीरज सिंह का कहना है कि युवक को सीएचसी पर उचित उपचार दिया गया था। उन्होंने कहा कि पुलिस केस बताकर युवक का उपचार नहीं करने वाली बात गलत है।