उत्तराखंड के एक ऐसे अधिकारी जो अपनी कार्यशाली से लोगों के बीच हमेशा सुर्खियों में रहते हैं,हम बात कर रहे हैं कुमाऊं के कमिश्नर दीपक रावत की जो इन दिनों कोचिंग सेंटर से लेकर अस्पतालों पर लगातार मॉनीटरिंग कर रहे हैं और तय मानक पर खरा ना उतरने पर उनको फटकार और कार्यवाही करने का कार्य भी कर रहे हैं
ऐसा ही एक मामला बीतें शुक्रवार का है जहां पर कुमाऊं कमिश्नर जैसी ही बेस अस्पताल पहुंचे ,उन्हें पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप मोड पर संचालित डायलिसिस केंद्र में डॉक्टर नहीं मिले ,बेड फटे मिले इसे देखकर वह भड़क गए उन्होंने प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक को पूरी मॉनिटरिंग करने और एक महीने का सीसीटीवी फुटेज उपलब्ध कराने के निर्देश दिए
कमिश्नर ने देखा की अस्पताल में 25 बेड है और प्रतिदिन 70 मरीज की डायलिसिस होती है लेकिन बेड की स्थिति खराब है इस पर उन्होंने कड़ी नाराजगी व्यक्त की, केंद्र संचालक को एक सप्ताह के भीतर बैठ को दूर करने के कड़ी निर्देश दिए साथी सीएमएस डॉक्टर के के पांडे को यह भी निर्देश दिए हैं कि अस्पताल में कब कब डॉक्टर आते हैं इसकी भी पूरी डिटेल उपलब्ध करने को कहा है
बेस अस्पताल में तीन गेट हैं लेकिन कमिश्नर के निरीक्षण के दौरान तीनों गेट पर कोई गार्ड नहीं मिले बुलाने पर भी काफी देर तक वह समय पर नहीं पहुंच पाए,इस पर कमिश्नर ने सुरक्षा मानकों के अनुसार अस्पताल को ठीक ना होने पर फटकार लगाई है और निर्देश दिए हैं की सभी गॉड्स ड्रेस में ही ड्यूटी करेंगे
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