― Advertisement ―

Homehindiआंदोलन, बंद और दंगों में सरकारी संपत्ति के नुकसान पर होगी वसूली,...

आंदोलन, बंद और दंगों में सरकारी संपत्ति के नुकसान पर होगी वसूली, उत्तराखंड में लागू हुआ कानून – Uttarakhand myuttarakhandnews.com

Latest posts by Sapna Rani (see all) आंदोलन, बंद और दंगों में सरकारी संपत्ति के नुकसान पर होगी वसूली, उत्तराखंड में लागू हुआ कानून – September 20, 2024 हरियाणा के रोहतक में बदमाशों ने ठेके पर चलाई अंधाधुंध गोलियां, 3 की मौत, 2 घायल – September 20, 2024 सुबह कांग्रेस में शामिल, शाम को BJP में लौटे, खट्टर का यू-टर्न, बोले-मैं तो चाय पीने गया था – September 20, 2024देहरादून: उत्तराखंड (Uttarakhand) में दंगों और आंदोलनों पर सख्त कानून लागू कर दिया गया है, इस दौरान हुए नुकसान की भरपाई दोषियों से की जाएगी. राज्य में किसी दंगे के बाद हुई सावर्जनिक संपत्ति के नुकसान की वसूली किए जाने की तैयारी का जा रही है. सूबे की सरकार ने राज्यपाल की मंजूरी के बाद नया कानून लागू कर दिया है. सीएम पुष्कर सिंह धामी ने इस कानून को राज्य की शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए आवश्यक बताया. यह सुनिश्चित किया जाएगा कि देवभूमि की शांति व्यवस्था को नुकसान पहुंचाने वालों पर सख्त कार्रवाई की जाए, जिससे भविष्य में कोई भी इस तरह की घटनाओं को अंजाम न दे सके.सूबे के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उत्तराखण्ड लोक (सरकारी) तथा निजी संपत्ति क्षति वसूली (अध्यादेश) कानून-2024 को राज्यपाल के मंजूरी देने पर उन्हें आभार और धन्यवाद प्रकट किया है. मुख्यमंत्री ने कहा, “इस कानून के तहत दंगाइयों से सरकारी और निजी संपत्ति को हुए नुकसान की भरपाई की जा सकेगी. इसके साथ ही दंगा नियंत्रण में लगे सरकारी अमले और अन्य कार्यों पर आने वाले खर्च की भरपाई भी की जाएगी.”सीएम धामी ने कहा कि देवभूमि उत्तराखण्ड में किसी को भी कानून व्यवस्था और राज्य का मूल स्वरूप बिगाड़ने की छूट नहीं है. इस कानून का राज्य में सख्ती से पालन करवाया जाएगा. मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने उत्तराखण्ड लोक (सरकारी) तथा निजी संपत्ति क्षति वसूली (अध्यादेश) कानून-2024 को राज्यपाल महोदय द्वारा मंजूरी प्रदान करने पर उनका हार्दिक आभार एवं धन्यवाद प्रकट किया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस कानून के तहत दंगाईयों से सरकारी और निजी संपत्ति को…जानकारी के मुताबिक, सरकारी और निजी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने पर आठ लाख तक का जुर्माना, दंगा करने वालों से मुआवजा वसूला जाएगा. बंद और हड़ताल के दौरान संपत्ति को नुकसान पहुंचाने पर आयोजन करने वाले नेता भी इसके जिम्मेदार होंगे. दंगा करने वालों से वसूली के साथ-साथ दंगा नियंत्रण के खर्च का भी भुगतान करना होगा. इस साल अगस्त में गैरसैंण सत्र के दौरान धामी सरकार ने सदन में बिल पेश किया था और ध्वनि मत से इसको विधानसभा में पारित किया गया था.किसी भी आंदोलन, हड़ताल या दंगों के दौरान सरकारी और निजी संपत्ति को हुए नुकसान की भरपाई सीधे तौर पर दंगा करने वालों से की जाएगी. इसमें सार्वजनिक संपत्ति जैसे इमारतें, वाहन, सड़कें आदि शामिल हैं. नुकसान के लिए मुआवजा भी उन्हीं से वसूला जाएगा.नेताओं की जिम्मेदारीअगर किसी आंदोलन या बंद के दौरान संपत्ति का नुकसान होता है, तो इसके लिए आंदोलन के आयोजकों या नेताओं को जिम्मेदार ठहराया जाएगा. उनसे न केवल नुकसान की भरपाई होगी बल्कि अतिरिक्त जुर्माना भी लगाया जाएगा. बीते साल बनभूलपुरा में हुई हिंसक घटना के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस कानून को लाने की बात कही थी, जिसे इस साल अगस्त महीने में गैरसैंण विधानसभा सत्र के दौरान पटल पर रख्खा गया था. अब राज्यपाल की मंजूरी के बाद यह बिल कानून बन चुका है.स्वतंत्र ट्रिब्यूनल का गठनएक रिटायर्ड जिला जज की अध्यक्षता में एक स्वतंत्र ट्रिब्यूनल का गठन किया जाएगा. यह ट्रिब्यूनल सिविल कोर्ट के समान शक्तियों के साथ कार्य करेगा और संपत्ति क्षति के मामलों की सुनवाई करेगा. इसमें संपत्ति नुकसान के दावों की सुनवाई के लिए तीन महीने की समयसीमा रखी गई है.