मसूरी। लंबे सप्ताहांत पर मसूरी, धनोल्टी, कैंपटी पर्यटकों से गुलज़ार रहे। बड़ी संख्या में वाहनों की आमद से मसूरी शहर जाम से जूझता रहा। लंढौर बाजार में घंटाघर से मालिंगार और साउथ रोड पर कई घंटे जाम लगा।
लाइब्रेरी बाजार के गांधी चौक पर यातायात सुचारु बनाए रखने को पुलिस के पसीने छूटे। पिक्चर पैलेस चौक पर भी जाम की स्थिति रही। उधर, लाइब्रेरी बाजार और कुलड़ी बाजार देर रात तक पर्यटकों से गुलज़ार रहे। दिन में कंपनी गार्डन, जार्ज एवरेस्ट, कैंपटी फाल, भट्टा फाल, गनहिल, धनोल्टी में पर्यटकों की खासी चहल-पहल रही। लाइब्रेरी बाजार से बेवर्ली कांवेंट को जाने वाले मोतीलाल नेहरू मार्ग पर नालियों पर जाली नहीं होने से, सुबह से रात तक जाम की स्थिति रही।
लोक निर्माण विभाग दो साल से नालियों के ऊपर जालियां नहीं लगा पाया है, जिसका खामियाजा आमजन को उठाना पड़ रहा है। शुक्रवार और शनिवार को शहर के होटल पर्यटकों से पैक रहे। मसूरी-धनोल्टी और मसूरी-कैंपटी रोड पर पूरे दिन यातायात का दबाव रहा। मसूरी होटल एसोसिएशन अध्यक्ष संजय अग्रवाल ने बताया कि शुक्रवार और शनिवार को होटलों में 70 से 80 प्रतिशत आक्युपेंसी रही।
संजय अग्रवाल का मानना है कि एनसीआर और दिल्ली में वायु प्रदूषण से राहत के लिए पर्यटकों की आमद, छुट्टियों के अलावा एक कारण हो सकता है। जबकि नवंबर में इतने अधिक पर्यटक कम ही देखने को मिलते हैं। आफ सीजन में पर्यटकों का उमड़ना मसूरी के लिए संजीवनी से कम नहीं है
वीकेंड पर बड़ी संख्या में पर्यटकों ने किया चकराता का रुखवीकेंड पर बड़ी संख्या में पर्यटक चकराता पहुंचे। जिसके कारण लंबे समय बाद चकराता बाजार का सन्नाटा टूटा। यहां पहुंचकर पर्यटकों ने यहां की वादियों का आनंद लिया। शुक्रवार शाम से चकराता में पर्यटकों का आना शुरू हो गया था। शनिवार को यहां पर्यटकों की अच्छी संख्या हो गई।
इस कारण क्षेत्र के होटल, रिसार्ट व होम स्टे 70 प्रतिशत बुक हो गए। अधिकांश पर्यटकों ने रिसार्ट व होमस्टे में रूकना ज्यादा पसंद किया। रात को पर्यटक अपने होटल व रिसार्ट में बोनफायर जलाकर अंताक्षरी खेल कर आनंद लेते नजर आए।
इससे पहले सुबह पर्यटकों ने टाइगर फाल, मोयला टाप, लोखंडी, कोटी कनासर, बैराटखाई, सनराइज व सनसेट प्वाइंट, कोटी के समीप स्थित कोटी बैनाल, वाटर फाल पहुंचकर खूब मस्ती की। हालांकि, सर्दी अधिक होने से पानी से बचे, लेकिन इन प्राकृतिक झरनों की सुंदरता को अपने कैमरों में कैद कर इन लम्हों को यादगार बनाया। इसके साथ ही प्राकृतिक नजारों का लुत्फ भी उठाया।
इस दौरान कई युवा यहां की सुंदर वादियों की रील भी बनाते रहे। पर्यटकों ने छावनी बाजार के समीप स्थित प्राचीन स्वयंभू चिंताहरण महादेव मंदिर व एमईएस लाइन स्थित प्राचीन गुरुद्वारे के भी दर्शन किए। पर्यटकों ने स्थानीय बाजार में स्थानीय उत्पादों की भी खरीदारी। इसके अलावा उन्होंने ऊनी टोपी, वास्केट, दस्ताने व मफलर भी खरीदे।
विंटरलाइन देख हुए रोमांचितअधिकतर पर्यटक शनिवार शाम मसूरी-चकराता मोटर मार्ग पर स्थित चिरमिरी सनसेट व सनराइज प्वाइंट पर पहुंचे। सूर्यास्त का खूबसूरत नजारा देख पर्यटक काफी खुश हुए और इस दृश्य को उन्होंने अपने कैमरे में भी कैद किया। इसके बाद विंटरलाइन का दीदार कर रोमांचित हुए।
व्यापारियों के चेहरे खिलेलंबे अंतराल के बाद बड़ी संख्या में पर्यटकों के चकराता पहुंचने से व्यापारियों, होटल व रेस्टोरेंट व्यवसायियों के चहरे खिले उठे। स्थानीय उत्पाद बेचने वाले व्यापारी संजय जैन, मनीष कुकरेजा, अमित अरोड़ा, अशोक कुमार गोयल, प्रताप चौहान, राजेंद्र अरोड़ा आदि ने बताया कि पर्यटक सबसे ज्यादा यहां की राजमा को पसंद कर रहे हैं और खरीदकर ले जा रहे थे। इस दौरान गहत की दाल, पहाड़ी सोयाबीन, अखरोट, मंडवे का आटा, घराट में पीसी गई हल्दी, शहद के साथ ही भेड़ की उन से बनी टोपी, मफलर जमकर बिक्री हुई।