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दिल्‍ली की वजह से उत्तराखंड को हो रहा रोज 30 लाख का नुकसान, चीफ सेक्रेटरी को बुलानी पड़ी मीटिंग – Uttarakhand myuttarakhandnews.com

Latest posts by Sapna Rani (see all)देहरादून : उत्तराखंड में मंगलवार को दिल्ली जाने वाली बसों को लेकर एक बड़ी मीटिंग हुई. यह मीटिंग खुद मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने ली, जिसमें ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट के साथ-साथ सीनियर ऑफिशियल भी शामिल रहे. उत्तराखंड रोडवेज को रोज हो रहे लाखों रुपये के नुकसान से राज्‍य सरकार भी टेंशन में हैं, जिसकी वजह से चीफ सेक्रेटरी को ट्रांसपोर्ट विभाग के साथ यह बैठक करनी पड़ी. नुकसान की वजह भी दिल्‍ली में फैला पॉल्‍यूशन है. आइये जानते हैं इसे विस्‍तार से…दरअसल, दिल्ली में प्रदूषण के चलते सिर्फ BS 6 बसें ही दिल्ली जा पा रही हैं, बाकी दिल्ली के यात्रियों वाली बसें गाजियाबाद के मोहन नगर तक जा रही है. फिलहाल कोई त्यौहार और छु नहीं है, तो बस अड्डे पर भले ही मारामारी न हो, लेकिन रोडवेज को रोजाना करीब 30 लाख रुपए का नुकसान हो रहा है. दिल्ली देहरादून के बीच रोजाना 502 बस चलती थी, लेकिन अब ये संख्या 288 रह गई है.ऐसे में राज्‍य से दिल्ली जाने वाले यात्रियों को कोई कन्फ्यूजन न हो और जो बसें गाजियाबाद में मोहननगर तक जा रही हैं, उन्हें कौशांबी तक जाने दिया जाए, ये निर्देश मुख्य सचिव ने मीटिंग के बाद दिया. राधा रतूड़ी ने कहा कि 175 नई बस खरीदने के लिए तुरंत बात की जाए. वहीं दिल्ली जाने वाले बसों के फेरे बढ़ाए जाएं और शनिवार और रविवार को बसें बढ़ाई जाएं.रोडवेज यूनियन, गढ़वाल के महामंत्री हरि सिंह का कहना है कि इससे रोजाना करीब 30 लाख रुपए की कमाई का नुकसान हो रहा है, तो कई सिंगल रूट पर भी दिक्कत आ रही. वहीं फरीदाबाद, गुरुग्राम, जयपुर की भी सवारी परेशान हो रही है, क्योंकि सब जगह के लिए दिल्ली से होकर जाना पड़ता है.दिल्ली और उत्तराखंड के बीच बड़ी संख्या में लोग आवाजाही करते हैं, क्योंकि उत्तराखंड के लोग बड़ी संख्या में दिल्ली में रहते हैं.. इसलिए देहरादून, हल्द्वानी, ऋषिकेश, हरिद्वार, रामनगर, कोटद्वार के साथ-साथ कई पहाड़ी शहरों से दिल्ली के लिए सीधी बस सर्विस हैं, लेकिन दिल्ली सरकार के फैसले का असर इस पर भी पड़ा है.