इस खबर को शेयर करेंदेहरादून: वर्तमान स्वरूप में राज्य में अग्निवीरों की पहली खेप 2026 को आएगी। पिछले दिनों सचिव (सैन्य कल्याण) दीपेंद्र चौधरी की अध्यक्षता हुई बैठक में कार्मिक एवं सतर्कता विभाग का मानना था कि अग्निवीरों को समूह ग वर्दीधारी पदों पर 10 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण दिया जा सकता है। प्रदेश सरकार ने अग्निवीर योजना के तहत भर्ती उत्तराखंड मूल के उन अग्निवीरों के पुनर्वास पर मंथन शुरू कर दिया है, जो रिटायर्ड होकर घर लौटेंगे। ऐसे अग्निवीरों को सरकार समूह ग के वर्दीधारी पदों पर 10 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण देने की सोच रही है।
इन पदों पर उनके लिए लिखित और मेडिकल टेस्ट तो अनिवार्य होगा, लेकिन फिजिकल टेस्ट में उन्हें छूट दी जा सकती है। ऐसा अनुमान है कि 850 उत्तराखंड मूल के अग्निवीर सेवानिवृत्त होकर उत्तराखंड आएंगे। आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक, वित्तीय वर्ष 2023-24 में 26,649 अग्निवीरों को भारतीय सेनाओं के तीनों अंगों में भर्ती किया गया। वर्तमान स्वरूप में राज्य में अग्निवीरों की पहली खेप 2026 को आएगी। पिछले दिनों सचिव (सैन्य कल्याण) दीपेंद्र चौधरी की अध्यक्षता हुई बैठक में कार्मिक एवं सतर्कता विभाग का मानना था कि अग्निवीरों को समूह ग वर्दीधारी पदों पर 10 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण दिया जा सकता है।
समूह ग के ये वर्दीधारी पद किए चिह्नित
अग्निशमन व नागरिक पुलिस (कांस्टेबल/उपनिरीक्षक), कारागार पुलिस सेवा (बंदी रक्षक), वन विभाग (वन रक्षक), राजस्व पुलिस (पटवारी), आबकारी (पुलिस बल), परिवहन विभाग (पर्वतन दल)
स्वरोजगार के लिए कौशल विकास व प्रशिक्षण
सरकार सेवानिवृत्त अग्निवीरों को कौशल विकास व प्रशिक्षण के जरिए भी स्वरोजगार से जोड़ने की योजना बना रही है। ऐसे कार्यक्रमों में प्रदेश मूल के रिटायर्ड अग्निवीरों को प्राथमिकता दी जाएगी। इसके अलावा आसान शर्तों पर ऋण व अनुदान, उपकरण व तकनीकी सहयोग उपलब्ध कराकर आत्मनिर्भर बनाया जाएगा। उन्हें उच्च शिक्षा ग्रहण करने के लिए भी प्रोत्साहित किया जाएगा। उन्हें प्रौद्योगिकी, चिकित्सा शिक्षा, आदि संस्थानों में प्रवेश के लिए भी 10 प्रतिशत आरक्षण देने पर विचार हो रहा है।
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