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उत्तराखंड के बाद अब हिमाचल में धधके जंगल, कसौली से लेकर नगरोटा तक तांडव – myuttarakhandnews.com

Latest posts by Sapna Rani (see all)शिमला. उत्तराखंड के जंगलों में लगी आग तो बुझ चुकी है लेकिन अब हिमाचल प्रदेश में जंगल धधकने लगे हैं. सूबे के सोलन, ऊना और कांगड़ा में जंगलों में आग लगी है. बुधवार रात को कसौली और ऊना में जंगलों में भंयकर आ लग गई. आलम यह हुआ है कि आग हाईवे तक पहुंच गई. आगजनी से लाखों रुपये की वन संपदा राख हो गई और साथ ही जंगली जानवर और पक्षी भी जिंदा जल गए.जानकारी के अनुसरा, हिमाचल के सोलन जिले में प्रसिद्ध टूरिस्ट स्पॉट कसौली में बुधवार शाम के बाद आग से जंगल धधक उठे. घटना के बाद से क्षेत्र वासी दहशत में है और उहोंने अपने स्तर पर आग बुझाने की कोशिश की. भयभीत ग्रामीण दिवेश कश्यप ने बताया कि गढख़ल के जंगलों में आग लगी थी और रात होते-होते आग ने भयंकर रूप ले लिया. उन्होंने कहा कि विभाग समय रहते काबू पा लेता तो यह आग घरों के करीब न पहुंच पाती.ऊना में भी आग लगने से मुश्किलऊना जिले के बंगाणा क्षेत्र की रामगढ़ धार हरोट नरेलण कडथोली, कोकरा चडोली चंबोआ बंगाणा के कारू रेंज के डीहर राजपुरा, चपलाह, बेहला, माजंरू सहित अन्य जंगलों में मंगलवार देर रात और बुधवार को आग लगने से लाखों की वन संपदा जलकर राख हो गई. ऊना के चिंतपूर्णी में सिद्ध चलोहड़ में भी जंगल में लगी यह आग हाईवे तक पहुंच गई थी. चिंतपूर्णी में बीते चार दिन से जंगल जल रहे हैं. हालांकि, वन विभाग आग बुझाने में लगा है, लेकिन प्रयास नाकाफी रहे हैं.उधर, सूबे के कांगड़ा जिले के नगरोटा बगवां में बड़ोह क्षेत्र के जंगलों में लगी आग बुधवार को राजकीय महाविद्यालय बड़ोह तक पहुंच गई थी. कॉलेज स्टाफ, स्थानीय निवासियों और अग्निशमन विभाग ने आग पर काबू पाया और कालेज कैंटीन और मजदूरों की झोपड़ियों को आग से बचा लिया.यहां पर चंगर क्षेत्र के बड़ोह, जगनी और बूसल आदि के जंगलों में मंगलवार से आग लगी हुई है.चिड़ के हैं जंगलहिमाचल में ज्यादातर आग लगने की घटनाएं चिड़ के जंगलों में आ रही हैं. यहा पर चिड़ की पत्तियां सूखने से आग ज्यादा फैल रही है. उम्मीद है कि 17 मई से मौसम बदलेगा और बारिश से आग बुझ जाए. बता दें कि बीते सप्ताह उत्तराखंड में भी जंगलों में भंयकर आग लगी थी और यहा पर एयरफोर्स की मदद से आग पर काबू पाया गया था. डीएफओ दिनेश शर्मा ने बताया कि वन मंडल धर्मशाला में फायर सीजन के अब तक के 15 दिनों में जंगल में आग लगने की 5 घटनाएं सामने आई हैं, जो कि छोटे स्तर की थी, जिन पर समय रहते आग पर काबू पा लिया गया है. इन मामलों में अभी तक किसी तरह के नुकसान की कोई सूचना नहीं है.