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Monkeypox को लेकर उत्तराखंड में अलर्ट, स्वास्थ्य विभाग ने बताये लक्षण और फैलने का कारण – Uttarakhand myuttarakhandnews.com

Latest posts by Sapna Rani (see all)देहरादून: मंकी पॉक्स के खतरे को देखते हुए प्रदेश का स्वास्थ्य विभाग भी सतर्क हो गया है। मरीजों में संक्रमण के लक्षण दिखते ही तुरंत जांच कर उन्हें आइसोलेट करने के निर्देश जारी किए गए हैं। मंकीपॉक्स के मामलों के बढ़ते खतरे को देखते हुए WHO ने भारत में इसके संक्रमण की संभावना को लेकर चेतावनी दी है। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए उत्तराखंड का स्वास्थ्य विभाग सतर्क हो गया है। सभी मुख्य चिकित्साधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वे बीमारी की रोकथाम के लिए लगातार निगरानी रखें और किसी भी संदिग्ध मरीज की पहचान पर तुरंत कान्टेक्ट ट्रेसिंग करें। प्रदेश के सरकारी अस्पतालों को अलर्ट मोड में रखा गया है, हालांकि अभी तक राज्य में मंकीपॉक्स का कोई मामला दर्ज नहीं हुआ है।मंकीपॉक्स के लक्षण:-1. मंकीपॉक्स के लक्षण चेचक जैसे दिखाई देते हैं।2. इसके लक्षणों में बुखार, सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द, पीठ दर्द, थकान, लिंफ नोड में सूजन और शरीर पर चकते शामिल हैं, जो तीन सप्ताह तक रह सकते हैं।3. संक्रमित मरीज के खांसने या छींकने से निकलने वाली ड्रॉपलेट्स के माध्यम से यह वायरस अन्य व्यक्तियों में फैल सकता है।4. संक्रमित व्यक्ति के कपड़ों से भी मंकीपॉक्स का संक्रमण फैल सकता है।5. विश्व स्वास्थ्य संगठन ने मंकीपॉक्स को वैश्विक स्वास्थ्य आपातकाल घोषित किया है।6. स्वास्थ्य महानिदेशक के अनुसार यह एक जूनोटिक बीमारी है, जो जानवरों से मनुष्यों में फैलती है।7. विभिन्न बीमारियों से पीड़ित और कमजोर प्रतिरक्षा वाले लोगों को इसका खतरा अधिक होता है।मंकीपॉक्स का संक्रमण ऐसे फैलता है:-1. मरीज के घाव से निकलकर यह वायरस आंख, नाक और मुंह के माध्यम से शरीर में प्रवेश करता है।2. बंदर, चूहे, गिलहरी जैसे जानवरों के काटने या उनके खून और बाडी फ्लूइड्स को छूने से भी मंकीपॉक्स फैल सकता है।3. विशेषज्ञों के अनुसार यदि मांस को ठीक से नहीं पकाया जाता है या संक्रमित जानवर का मांस खाया जाता है, तो आप भी इस बीमारी की चपेट में आ सकते हैं।