– प्रदेश के विकास में मील का पत्थर साबित होगी लंदन-बर्मिघम यात्रा
– 12500 करोड़ के निवेश करार और रोजगार की संभावनाएं अपार
देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रदेश को वर्ष 2025 तक देश के अग्रणी राज्यों में शुमार करने का लक्ष्य निर्धारित किया है। इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए उन्होंने रोडमैप तैयार किया है और उस पर तेजी से काम कर रहे हैं। ग्लोबल इंवेस्टर्स सम्मिट इस दिशा में एक बड़ा और कारगर कदम साबित होगा। हाल में मुख्यमंत्री ने तीन दिवसीय ब्रिटेन यात्रा की सफलता और 12500 करोड़ के निवेश करार से संकेत मिल रहे हैं कि निकट भविष्य में प्रदेश में निवेश और रोजगार के अवसर बढ़ेंगे और आर्थिकी भी मजबूत होगी। मुख्यमंत्री धामी का कहना है कि ब्रिटेन में मिले निवेश प्रस्तावों से सम्मिट की अवधारणा को बल मिला है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड निवेश के लिए सबसे सुरक्षित स्थान है।
धामी सरकार दिसम्बर में ग्लोबल इंवेस्टर सम्मिट का आयोजन कर रही है। इस सम्मिट में ढाई लाख करोड़ के निवेश करार करने का लक्ष्य रखा गया है। सरकार ने निवेश के लिए 6000 एकड़ का लैंड बैंक भी तैयार किया है। केंद्र द्वारा हाल में जारी एमएसएमई आंकड़ों के अनुुसार उत्तराखंड में मौजूदा समय में लघु, मध्यम और बड़े उद्योगों की संख्या 59026 है। इन उद्योगों में प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष तौर पर दस लाख से भी अधिक लोगों को रोजगार मिला है। धामी सरकार का फोकस है कि औद्योगिक इकाइयों में पांच लाख रोजगार सृजन हो। उत्तराखंड में अभी अधिकांश सर्विस इंडस्ट्रीज हैं। इसकी तुलना में मदर्स इंडस्ट्रीज यानी अंतिम उत्पादन उद्योग कम हैं। सीएम धामी का फोकस सर्विस के साथ ही मदर्स इंडस्ट्रीज को बढ़ावा देना भी है।
प्रदेश में वन संपदा के अलावा चूना पत्थर, रॉक फॉस्फेट, डोलोमाइट, मैग्नेसाइट, कॉपर ग्रेफाइट, सोप स्टोन, जिप्सम की उपलब्धता है। इसका दोहन करने से भी रोजगार और राजस्व की बढ़ोतरी हो सकती है। इसके अलावा फार्मा, मेडिकल डिवाइस, आटोमोबाइल, एरोमा के क्षेत्र में भी व्यापक संभावनाएं हैं। पर्यटन और साहसिक पर्यटन सेक्टर में भी अपार संभावनाएं हैं। आईटी सेक्टर के लिए प्रदेश में कनेक्टिविटी और मैनपावर दोनों ही उपलब्ध हैं।
प्रदेश सरकार अगले पांच वर्ष में एसजीडीपी को दोगुना करने का लक्ष्य लेकर चल रही है। इस दिशा में धामी सरकार उत्तराखंड में विश्वस्तरीय बुनियादी ढांचे के साथ-साथ सुगम व्यवसायिक वातावरण तैयार करने के विजन को लेकर काम कर रही है। राज्य में अलग-अलग क्षेत्रों में निवेश को बढ़ावा देने के लिए विशेष नीतियां लागू करने के साथ ही आकर्षक वित्तीय प्रोत्साहन की व्यवस्था की गई है. इन नीतियों में प्रमुख रूप से पर्यटन नीति-2023, एमएसएमई नीति-2023, स्टार्टअप नीति-2023, लॉजिस्टिक्स नीति-2023, निजी औद्योगिक आस्थानों की स्थापना के लिए नीति-2023 शामिल हैं।मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने ब्रिटेन यात्रा के दौरान अप्रवासी भारतीयों और वहां के निवेशकों को प्रदेश में उपलब्ध संसाधनों, सुविधाओं और कानून-व्यवस्था के बारे में विस्तृत जानकारी दी। मुख्यमंत्री धामी की ब्रिटेन यात्रा का एक अहम पहलू यह भी रहा है कि उन्होंने देश का पहला रोपवे मैन्युफैक्चरिंग पार्क विकसित किए की संभावनाएं तलाशने का भी काम किया। इसके लिए उन्होंने फ्रांस की पोमा ग्रुप को उत्तराखंड में संभावनाएं तलाशने का प्रस्ताव दिया है।
ब्रिटेन के तीन दिवसीय दौरे के दिन शिक्षा के क्षेत्र में सेंटर आफ एक्सीलेंस बनाने, पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए अप्रवासी भारतीयों के साथ मंथन, ब्रिटेन से पर्यटकों की आवाजाही बढ़ाने के लिए कार्ययोजना, विंटर स्पोर्ट्स डेस्टिनेशन और अप्रवासी सेल बनाने की दिशा में भी अहम कार्य किये।
मुख्यमंत्री धामी ने जर्मनी के साथ भी तकनीक और कौशल विकास के लिए करार किये हैं। उत्तराखंड में श्रमशक्ति और संसाधन हैं यदि कौशल विकास होगा तो यहां रोजगार की अपार संभावनाएं भी विकसित होंगी। बहरहाल, सीएम की ब्रिटेन यात्रा के दौरान मिले निवेश प्रस्तावों से ग्लोबल इंवेस्टर्स सम्मिट 2023 के लिए मनोबल बढ़ा है और साथ ही यदि ब्रिटेन में किये गये निवेश प्रस्तावों पर अमल हो गया तो सीएम धामी की ब्रिटेन यात्रा उत्तराखंड के विकास के लिए मील का पत्थर साबित होगी।