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बेरोजगार संघ द्वारा आयोजित 9 नवम्बर 2024 (भीषण रैली ) के संबंध में बॉबी पंवार सहित 25 नामजद और 50-60 अज्ञात युवाओं के खिलाफ मुकदमा दर्ज – myuttarakhandnews.com

देहरादून : वर्तमान परिस्थितियों को देख लग रहा है कि बेरोजगार संघ और उत्तराखंड शाशन प्रशासन की लड़ाई आगे भी उग्र रूप धारण करेगी ।9 नवम्बर 2024 स्थापना दिवस के दिन बेरोजगार संघ ने अपनी मांगों को पूरा करने हेतु जो रैली प्रेडग्राउंड से मुख्यमंत्री आवास तक निकाली थी , उस मामले में देहरादून पुलिस द्वारा लगभग 24 घंटे बाद मुकदमा दर्ज किया गया है ।प्रशाशन का कहना है कि बेरोजगार संघ ने इस रैली के लिए शासन-प्रशासन से कोई अनुमति नहीं ली गयी थी।
देहरादून पुलिस जारी प्रेस नोट के अनुसार ” शान्ति एवं कानून व्यवस्था के दृष्टिगत सभी प्रदर्शनकारियों को हाथीबड़कला बैरियर पर रोका गया तो बेरोजगार संगठन के कार्यकर्ता राम कण्डवाल के नेतृत्व में अन्य कार्यकर्ता बॉबी पंवार आदि द्वारा एकराय होकर सड़क पर उपद्रव कर सरकारी सम्पत्ति को नुकसान पहुंचाया गया तथा सरकारी कार्य में बाधा उत्पन्न की गयी । जिस कारण सड़क के दोनों ओर वाहनों की काफी लम्बी कतारें लग गयीं जिसमें बुजुर्ग, बीमार व्यक्ति, छोटे स्कूली बच्चे व एम्बुलेंस वाहनों को अपने गंतव्य स्थान जाने में अवरोध उत्पन्न होने के कारण अत्यंत कठिनाइयों का सामना करना पडा।देहरादून पुलिस द्वारा 1- श्री राम कंडवाल पुत्र श्री जनार्दन प्रसाद निवासी वार्ड न0-17 मानपुर कोटद्वार पौड़ी गढवाल उपाध्यक्ष उत्तराखण्ड बेरोजगार संगठन, 2- बॉबी पंवार पुत्र खजान सिंह निवासी-ग्राम दलरोटा लाखामंडल थाना चकराता देहरादून, 3- अखिल तोमर पुत्र श्री टीकम सिंह निवासी कोठा तरली चकराता देहरादून, 4- पीयूष जोशी पुत्र किशन दत्त जोशी निवासी रामा भवन भवाली थाना भवाली, नैनीताल, 5- विशाल चौहान पुत्र पूर्ण सिंह निवासी- कोटाशी लामू थाना चकराता देहरादून, 6- सुरेश सिंह पुत्र स्व0 मकान सिंह निवासी- ग्राम डोब थाना हिंडोला खाल टि0ग0, 7- नितिन दत्त पुत्र स्व0 सुरेशानन्द निवासी- किंकरेट थाना मसूरी, देहरादून, 8- भूपेन्द्र कोरंगा निवासी- ग्राम लिथि कपकोट, बागेश्वर, 9- जयपाल चौहान पुत्र धर्म सिंह निवासी- लत्यूर पो0 बिरनाड त्यूणी, देहरादून, 10- विनोद चौहान पुत्र स्व0 श्री बीर सिंह निवासी- दलरौथा लाखामंडल चकरौता देहरादून, 11- मोहित पुत्र राजपाल निवासी माणक पुर थाना झबरेड़ा हरिद्वार, 12- नीरज तिवारी पुत्र मथुरा दत्त तिवारी निवासी गवीनगर लोहाघाट चम्पावत, 13- कुसुम लता बौड़ाई, 14- सचिन पुरोहित, 15- संजय सिंह, 16- अरविन्द पंवार, 17- दिव्य चौहान, 18- डिम्पल नेगी, 19- विरेन्द्र चिरवान, 20-रेनू, 21- प्रियांशी, 22- बिट्टू वर्मा, 23- पूनम कैन्तुरा, 24-अभिषेक सिंह, 25- दीपक, पता अज्ञात व 50-60 अज्ञात महिला व पुरुष के विरुद्ध थाना डालनवाला पर भारतीय न्याय संहिता की धारा 191(2),190,126,121,132 एवं उत्तराखण्ड लोक सम्पति निवारण अधिनियम की धारा 2 व 3 के अन्तर्गत अभियोग पंजीकृत किया गया है ।
देहरादून पुलिस का कहना है की ” भारत एक स्वतंत्र देश है, जिसमें प्रत्येक नागरिक को शालीनता पूर्वक अपने संवैधानिक अधिकारों का प्रयोग करते हुए अपनी बात रखने का अधिकार है, किन्तु किसी भी नागरिक को कानून को अपने हाथ में लेते हुए अनावश्यक रूप से अन्य जनमानस को परेशान करने का अधिकार किसी को नहीं है।
साथ ही एसएसपी देहरादून पुलिस द्वारा अपील की गयी कि” कुछ लोगो द्वारा राजनीति से प्रेरित होकर युवाओं को अनावश्यक रूप से इस प्रकार के विरोध प्रदर्शनो में सम्मिलित किया जा रहा है, जिसमें पुलिस कार्यवाही के दौरान असामाजिक तत्वों के साथ साथ युवाओं के विरूद्ध भी अभियोग पंजीकृत होने की दशा में भविष्य में उनके किसी भी प्रकार की सरकारी सेवा में सम्मिलित होना एक दु:स्वपन बनकर रह जाता है। सभी युवाओं से अपील है कि कृपया अपने भविष्य को ध्यान में रखते हुए किसी भी प्रकार के राजनैतिक बहकावे में न आये। अपनी किसी भी मांग अथवा बात को सवैंधानिक व लोकतांत्रिक तरीके से पूरी शालीनता से सम्बन्धित प्लेटफार्म पर रखने का सभी युवाओं/आम जनमानस को पूरा अधिकार है । “
हालाँकि उक्त मुकदमों की सूचना से बेरोजगार संघ के लोगों ने कड़ी आलोचना की , साथ ही कुछ छात्रों का कहना है कि वो पढ़ने वाले बच्चे है और उनके साथ अन्याय हो रहा है इसलिए वो सड़को पर थे , युवाओं ने पुलिस प्रशासन द्वारा उ के साथ अभद्र व्यवहार करने का आरोप भी लगाया । उनका ये भी कहना है कि उनका  राजनीति से कोई लेना देना नहीं है परंतु सरकार द्वारा उन पर मुकदमें दर्ज कर उनके भविष्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है ।कुछ बालिकाओं का ये भी कहना है कि उनके द्वारा रानीपोखरी थाने में स्पष्ट लिख कर दे दिया गया था कि यदि उनके खिलाफ कोई मुकदमा दर्ज होता है या कोई नोटिस आता है तो वो अपने अपने घरों में आत्मदाह करेगे ।
आगे देखना होगा की उक्त मुकदमों से युवाओं का अगला कदम क्या होगा , क्या सत्ता पक्ष को इससे नुकसान होगा या युवाओं की मांगे मानी जायेगी ।

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