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दिल्ली के उत्तराखंड निवास में आम लोग भी रुक सकेंगे, CM धामी ने शासनादेश को संशोधित करने के दिए निर्देश – Uttarakhand

Common people will also be able to stay in Uttarakhand Niwas in Delhi, CM Dhami gave instructions to amend the government orderCommon people will also be able to stay in Uttarakhand Niwas in Delhi, CM Dhami gave instructions to amend the government orderCommon people will also be able to stay in Uttarakhand Niwas in Delhi, CM Dhami gave instructions to amend the government orderइस खबर को शेयर करेंLatest posts by Sapna Rani (see all)देहरादून: दिल्ली के चाणक्यपुरी में करीब 120 करोड़ रुपए की लागत से बना उत्तराखंड निवास इन दिनों चर्चाओं में है. चर्चाओं की वजह उत्तराखंड शासन का वो आदेश है, जिसमें इस बात का जिक्र किया गया है कि दिल्ली में उत्तराखंड निवासी में कौन-कौन व्यक्ति रुक सकता है. इस आदेश पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी अपनी नाराजगी जताई है, और इस आदेश को संशोधित करने के निर्देश दिए.दरअसल, उत्तराखंड राज्य संपति विभाग की ओर से जारी शासनादेश के अनुसार सचिव स्तर तक के अधिकारी ही दिल्ली के उत्तराखंड निवास में रुक सकेंगे. जिस पर अब मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने नाराजगी जाहिर करते हुए तत्काल शासनादेश में संशोधन करने के निर्देश दिए हैं.बता दें कि दिल्ली में बने उत्तराखंड निवास का बीती 6 नवंबर 2024 को ही मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने लोकार्पण किया था. उत्तराखंड निवास में राज्य की संस्कृति, लोक कला और वास्तुकला का समावेश किया गया. उत्तराखंड निवास की दीवार पारंपरिक रूप से पहाड़ी शैली के सुंदर पत्थरों से बनाया गया है, जो उत्तराखंड की सांस्कृतिक धरोहर को दर्शाती है.उत्तराखंड निवास के लोकार्पण के दौरान सीएम ने कहा था कि आरामदायी आवास व्यवस्था और उत्तराखंड की संस्कृति की झलक को समेटे यह भवन राष्ट्रीय राजधानी में उत्तराखंड की गरिमा का प्रतीक बनेगा. साथ ही उत्तराखंड निवास में हमारे पारंपरिक व्यंजनों की व्यवस्था की जाएगी, लेकिन अब उत्तराखंड निवास में रुकने के लिए एक पात्रता संबंधित शासनादेश और रेट लिस्ट पर संबंधित शासनादेश जारी होने के बाद सवाल उठने लगे हैं.13 दिसंबर को राज्य संपति विभाग की ओर से उत्तराखंड निवास में रुकने वालों की पात्रता संबंधित शासनादेश जारी किया गया था. जारी किए गए शासनादेश के अनुसार उत्तराखंड शासन के सचिव स्तर तक के अधिकारी ही उत्तराखंड सदन में रुक सकते हैं. इसी तरह पुलिस विभाग के आईजी स्तर तक के अधिकारी ही इस सदन में रुक सकते हैं.इसके अलावा फॉरेस्ट विभाग के तहत प्रमुख वन संरक्षक/मुख्य वन संरक्षक लेवल के अधिकारियों को ही यहां रुकने की अनुमति है. शासनादेश में प्रदेश के किसी भी आम जनता के रुकने का कोई जिक्र नहीं है, जिस पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अपनी नाराजगी व्यक्ति की.साथ ही सीएम धामी ने गुरुवार को राज्य संपति विभाग को निर्देश दिए हैं कि नई दिल्ली में नवनिर्मित उत्तराखंड निवास आम जन के लिए भी उपलब्ध कराया जाना सुनिश्चित किया जाए. उत्तराखंड निवास में कक्ष आरक्षण के लिए जारी शासनादेश को तत्काल संशोधित किया जाए. साथ ही उत्तराखंड के आम व्यक्तियों को भी उपलब्धता के आधार पर वहा कक्ष मिल सके ऐसी व्यवस्था की जाए. साथ ही मुख्यमंत्री ने दरों का भी पुनर्निर्धारण करने के निर्देश दिए हैं.राज्य संपति विभाग की ओर से जारी पात्रता सूची:राज्यपालमुख्यमंत्रीअध्यक्ष, विधान सभा/ मंत्रीगण/ नेता प्रतिपक्षउच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश/ न्यायाधीशगणसांसदगण / विधायकगण/ दायित्वधारीगण।पूर्व मुख्यमंत्रीगण।एडवोकेट जनरलराष्ट्रीय एवं उत्तराखण्ड में राज्य स्तर का दर्जा प्राप्त राजनैतिक दलों के प्रदेश अध्यक्ष।राज्य स्तर के विभिन्न संवैधानिक आयोगों के अध्यक्षगण।नगर निगमों के मेयर/ जिला पंचायत अध्यक्ष।उत्तराखण्ड शासन में कार्यरत मुख्य सचिव/अपर मुख्य सचिव/प्रमुख सचिव / सचिवगण।पुलिस महानिदेशक/अपर पुलिस महानिदेशक / पुलिस महानिरीक्षकप्रमुख वन संरक्षक / मुख्य वन संरक्षक।राज्य स्तर के विभागाध्यक्षगण।राज्य के मुख्य स्थायी अधिवक्ता।राज्य के उच्च पदस्थ अधिकारीगण (वेतन लेवल 13 (ए) या इससे उच्च स्तर) / केन्द्र सरकार के उत्तराखण्ड राज्य में कार्यरत समकक्ष वेतन लेवल के अधिकारीगण