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चंदन के जाने के बाद भी दोस्ती निभा गये धामी




चंदन के जाने के बाद भी दोस्ती निभा गये धामी

-पुराने संबधों हो या फिर संगठन के कार्यकर्ताओं को नही भूलते सीएम धामी
-व्यस्तम शेड्यूल में से भी समय निकालकर निभाते है अपना फर्ज
देहरादून। आज बागेश्वर विधानसभा से नवनिर्वाचित विधायक पार्वती देवी ने विधानसभा में विधायक के रुप में शपथ ली तो स्वतः ही पूर्व मंत्री स्व. चन्दन राम दास याद आने लगे। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मुलाकात के बाद पार्वती देवी उनके और संगठन के प्रति बड़ी कृतज्ञता प्रकट करते हुए नजर आई। सूत्रों की मानें तो पार्वती देवी ने मुख्यमंत्री का आभार भी जताया कि उनके पति से उनकी की मृत्यु के बाद भी उन्होंने अपनी दोस्ती निभाई है। दरअसल पूर्व मंत्री चन्दन राम दास और पुष्कर सिंह धामी की दोस्ती सत्ता के गलियारों में पहले भी खूब सुर्खिरा बटोर चुकी है। एकाएक उनके देहांत के बाद खाली हुई बागेश्वर विधानसभा सीट पर उनके परिवार के सदस्य को टिकट दिलाना और आखिरी समय तक चुनाव में डटे रहकर सीट जिताने को पार्टी हाईकमान ने भी सराहा है। अब यह बात उनका परिवार भी समझ रहा है कि मुख्यमंत्री धामी ने किस रणनीति के तहत यह पूरा चुनाव भाजपामय किया।
एक समय में कांग्रेस से आये पूर्व प्रत्याशी को जब भाजपा ज्वाइन कराई गई थी तो सत्ता के गलियारों में चर्चा उठ चुकी थी कि पूर्व मंत्री चन्दन राम दास के परिवार को टिकट मिलना मुश्किल है। ऐसे में पार्टी के समर्पित रहे चन्दन राम दास और उनके परिवार के साथ खड़े रहे मुख्यमंत्री ने अपनी पार्टी और दोस्त रहे, दोनों के प्रति सच्ची निष्ठा और वफादारी निभाई। जिसका परिणाम आज भाजपा बागेश्वर का उपचुनाव पिछले चुनाव के मुकाबले ज्यादा वोटों से जीतने में कामयाब रही है।
यह पहला मौका नही है जब मुख्यमंत्री ने ऐसी समझदारी दिखाई हो। पहले भी पार्टी के पुराने और समर्पित कार्यकर्ताओं के प्रति उनका रुझान ऐसे ही देखने को मिला है। वैसे भी धामी को दोस्तों का दोस्त कहा जाता है। मुख्यमंत्री धामी इसका भी लाभ पार्टी (संगठन) को दिलाने में नही चूकते है। धामी के नजदीकी लोगों का कहना है कि मुख्यमंत्री अपने पुराने संबंधों को कभी नही भूलते है। समय-समय पर उनकी मदद करना उनसे मिलना उनकी दिनचर्या का हिस्सा रहा है।
आज पार्वती देवी के विधायक के रुप में शपथ लेने पर मुख्यमंत्री धामी की प्रशंसा हो रही है। ऐसे में कहा जाये कि पूर्व मंत्री के स्वर्गवास के बाद मुख्यमंत्री भी अपने दोस्त को सच्ची श्रद्धांजली दे रहे है। जिसे उनका परिवार और भाजपा संगठन, दोनों महसूस कर रहा है। भाजपा खुश है कि उनकी सीट बरकरार है वहीं, पूर्व मंत्री का परिवार मुख्यमंत्री को दोस्तों का दोस्त कह रहा है।