देहरादून। अपना मकान बनाने वाले लोगों को महंगाई का झटका लगने जा रहा है। घन बनान अब पहले से ज्यादा महंगा हो गया है। रेत-बजरी के मनमाने दामों का सीधा असर आम लोगों की जेब पर पड़ रहा है। दरअसल, शहर में सालभर से रेत-बजरी 30 से 40 फीसदी अधिक कीमतों पर मिल रही है। सीमेंट और डस्ट के दाम भी हाल ही में बढ़े थे। वहीं, लेबर कॉस्ट में भी 100 रुपये रोजाना की बढ़ोतरी हुई है। नतीजतन, शहर में भवन निर्माण की लागत 10 फीसदी तक बढ़ गई है।
देहरादून क्षेत्र की नदियों में कुछ समय पहले तक खनन बंद था। हाल ही में सौंग, जाखन और दूसरी नदियों में खनन शुरू हुआ, लेकिन उप खनिज की कीमतें कम नहीं हुई। शहर में क्रशर नहीं होने से हिमाचल और यमुना नदी की रेत बजरी की डिमांड ज्यादा है। ठेकेदारों को हिमाचल से उप खनिज मंगवाना पड़ रहा है। कांट्रेक्टर प्रकाश जायसवाल ने बताया कि वर्तमान समय में रेत-बजरी 140 रुपये कुंतल तक है, यह पूर्व में 90 रुपये कुंतल तक थी। उन्होंने बताया कि इससे ठेकेदारों को भी नुकसान हो रहा है। उन्होंने बताया कि तीन महीने पहले सीमेंट 20 रुपये प्रति बैग महंगा हुआ था। प्रति हजार ईंटें भी बढ़कर 7500 से अधिक की हो गई थी।
20 लाख रुपये का मकान 22 लाख में बन रहादेहरादून में भवनों की लागत 10 फीसदी तक बढ़ गई है। कॉन्ट्रेक्टर प्रशांत ने बताया कि एक साल पहले 100 गज में यदि कोई घर 20 लाख में बनकर तैयार हो जाता था, वह आज 21.50 लाख से 22 लाख रुपये तक पड़ रहा है। ऐसे ही 50 लाख रुपये के मकान की लागत पांच लाख रुपये तक बढ़ गई है।
लेबर कॉस्ट भी सौ रुपये तक बढ़ गईमहंगाई के दौर में भवन निर्माण में लगे मजदूरों ने भी अपना महनताना बढ़ाया है। भवनों की लागत पर इसका भी असर है। करीब दो महीने पहले भवन निर्माण में लगे मजदूर 500 रुपये रोजाना के हिसाब से दिहाड़ी लेते थे। वर्तमान में यह 600 रुपये तक दिहाड़ी हो गई है। इसी प्रकार मिस्त्री की दिहाड़ी 650 से बढ़कर 750 रुपये रोजाना हो गई है।