Latest posts by Sapna Rani (see all)देहरादून : प्रदेश के राजकीय महाविद्यालयों में शैक्षणिक सत्र 2024-25 से शुल्क में एकरूपता लाई गई है। अब स्नातक कक्षाओं में 1871 रुपये एवं स्नातकोत्तर कक्षाओं में 1878 रुपये वार्षिक शुल्क लिया जाएगा। सरकार के इस कदम से राजकीय महाविद्यालयों में छात्र-छात्राओं को प्रतिमाह लगभग 200 रुपये शुल्क अधिक देना होगा।शासन ने राजकीय महाविद्यालयों के लिए शुल्क का नया ढांचा लागू कर दिया है। उच्च शिक्षा उप सचिव ब्योमकेश दूबे ने इस संबंध में उच्च शिक्षा प्रभारी निदेशक को आदेश जारी किया है। राजकीय महाविद्यालयों में अभी विभिन्न विश्वविद्यालयों से संबद्धता एवं अन्य कारणों से अलग-अलग शुल्क लिया जाता रहा है।इसमें एकरूपता लाने की लंबे समय से पैरवी की जा रही थी। अब समान शुल्क की व्यवस्था क्रियान्वित की गई है। नए शुल्क ढांचे से पहले स्नातक स्तर पर लगभग 1650 रुपये वार्षिक शुल्क लिया जाता रहा है। यद्यपि, कुछ महाविद्यालयों में इससे अधिक शुल्क निर्धारित करने की जानकारी विभाग के सामने भी आई है।छात्रों को देना होगा 240 रुपये महंगाई शुल्कशासन की ओर से निर्धारित शुल्क में विश्वविद्यालय की ओर से लिया जाने वाला परीक्षा शुल्क सम्मिलित नहीं है। इसे विश्वविद्यालय के नियमानुसार आनलाइन परीक्षा आवेदन भरते समय आनलाइन जमा किया जाएगा। नए शुल्क ढांचे के अनुसार 26 मदों में शुल्क लिया जाएगा। प्रवेश शुल्क तीन रुपये, पुस्तकालय शुल्क स्नातक स्तर पर तीन रुपये व स्नातकोत्तर स्तर पर 10 रुपये, विकास शुल्क 20 रुपये निर्धारित किया गया है। महंगाई शुल्क के रूप में 240 रुपये व प्रयोगशाला शुल्क के रूप में 240 रुपये लिए जाएंगे।महाविद्यालय दिवस व प्रांगण विकास को देना होगा शुल्कछात्र-छात्राओं को विद्युत व जल शुल्क भी देना होगा। यह 60 रुपये रखा गया है। विविध 100 रुपये, वाचनालय शुल्क 50 रुपये, विभागीय परिषद शुल्क 50 रुपये लिया जाएगा। निर्धन छात्र सहायता शुल्क के रूप में 10 रुपये, परिचय पत्र के लिए 25 रुपये, छात्रसंघ के लिए 45 रुपये, रोवर रेंजर के लिए 30 रुपये, महाविद्यालय दिवस के लिए 20 रुपये देने होंगे। सांस्कृतिक परिषद के लिए 45 रुपये व महाविद्यालय प्रांगण विकास को 50 रुपये, कंप्यूटर इंटरनेट शुल्क को 80 रुपये, जेनरेटर शुल्क को 50 रुपये छात्र-छात्राएं से लिए जाएंगे।क्रीड़ा शुल्क 300 रुपये, कैरियर काउंसिलिंग को शुल्क तयप्रयोगशाला सामग्री को 60 रुपये, कैरियर काउंसिलिंग को 30 रुपये, प्रसाधन को 50 रुपये, प्रायोगिक मौखिक शुल्क प्रति विषय 50 रुपये, पीटीए को 30 रुपये देने होंगे। क्रीड़ा शुल्क के लिए 300 रुपये और काशनमनी के रूप में 200 रुपये नए शुल्क ढांचे में सम्मिलित किए गए हैं।शासनादेश के अनुसार क्रीड़ा शुल्क का विश्वविद्यालय अंश, महासंघ शुल्क, विश्वविद्यालय सांस्कृतिक परिषद शुल्क विश्वविद्यालय निर्धारित करेगा और इसे परीक्षा शुल्क के साथ जमा किया जाएगा। शासकीय सहायता से संचालित व्यावसायिक पाठ्यक्रमों का शुल्क भी अलग से लिया जाएगा।
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