लाखों रुपए खर्च के बाद भी बूंद बूंद पानी के लिए तरस रहे हैं ग्रामीण
लाखों रुपए खर्च के बाद भी बूंद बूंद पानी के लिए तरस रहे हैं ग्रामीण पूर्व ग्राम प्रधान ने ठेकेदार व विभागीय अधिकारियों के साथ मिलीभगत कर विवादित भूमि पर जल जीवन मिशन के तहत करवा दिया पेयजल लाइन का निर्माण
सामाजिक कार्यकर्ता ललित मोहन उनियाल व ग्रामीणों की जिला अधिकारी देहरादून शिकायत करने पर विभागीय अधिकारियों में मचा हड़कंप विभाग लाइन हटने पर कर रहा है विचार
जल जीवन मिशन के तहत बड़ी धांधली भूमाफियाओं के साथ मिलीभगत व्यक्तिगत लाइन_
रिपोर्ट मनसा राम उनियाल
राजधानी देहरादून से महज 20 किलोमीटर दूर ग्राम पंचायत छमरोली भैंसवार्डसैन के लोग लाखों रुपए की योजना आने के बाद भी एक-एक बूंद पानी के लिए तरस रहे है। 50 से 60 परिवार को लगभग 1 किलोमीटर दूर से पानी लेकर आना पड़ रहा है। इस संबंध में जब सामाजिक कार्यकर्ता ललित मोहन उनियाल ने ग्राम वासियों साथ मिलकर जिला अधिकारी महोदय को पत्र प्रेषित किया है लेकिन प्रशासन की तरफ से अभी तक कोई भी ठोस कार्रवाई नहीं की गई।
ग्राम वासियों का कहना है जल जीवन मिशन के तहत वर्ष 2023 24 में जल संस्थान के द्वारा पाइपलाइन का निर्माण किया गया था, जिसमें ग्राम वासियों को पाइपलाइन देने के साथ भू-माफिया के लिए व्यक्तिगत लाइन दे दी गई। जो पाइपलाइन ग्राम वासियों के लिए दी गई उसमें अभी तक पानी की एक बूंद भी नहीं निकला है जिस कारण ग्राम वासियों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
जल जीवन मिशन के तहत इंटर कॉलेज भगद्वारी खाल बीते 1 साल से पानी की किल्लत बूंद बूंद के लिए तरस रहे हैं। बच्चे देहरादून से मात्र 20 किलोमीटर की दूरी पर होने के कारण विभाग को समय-समय पर शिकायत करने पर भी कोई समस्या का हल नहीं हुआ मुख्यमंत्री हेल्पलाइन नंबर पर भी पानी की समस्या को बताया गया लेकिन समस्या जस की तरह बनी हुई है। इसमें आसपास के गांव वालों को भी दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है। इंटर भगद्वारी खाल कॉलेज जिसमे ढाई सौ से अधिक विद्यार्थी है, उन्हें काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है, जिसके कारण विद्यार्थियों की उपस्थिति भी दिन ब दिन कम होती जा रही है। छात्रों को शहर के स्कूलों में आने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है जो कि एक बड़ा चिंता का विषय है। समय-समय पर एसएमसी अध्यक्ष ललित उनियाल द्वारा शासन प्रशासन को सूचना दी जाती रही है जिसका रिजल्ट शून्य रहा है। प्रशासन अब भी कुंभकरण की नींद सो रहा है।