उत्तराखंड
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देहरादून : IRDT सभागार में चौथी बटालियन दी गढ़वाल राइफल्स के पूर्व सैनिकों व परिवारजनों ने अपना युद्ध सम्मान दिवस नूरानांग बड़े धूमधाम से मनाया।सन् 1962 के भारत-चीन युद्ध में बटालियन के रण बाकुँरों ने अपने परंपरागत युद्ध कौशल व शौर्य का परिचय देते हुए चीन की सेना को बहुत नुकसान पहुँचाया।युद्ध कौशल की परंपरागत, मातृभूमि की रक्षा व देश प्रेम का सबसे बड़ा उदहारण आज भी उदाहरणीय और अविस्मरणीय है।इस युद्ध मे बटालियन के 03 ऑफिसर, 04 जूनियर कमीशन अधिकारी, 148 अन्य पद तथा 07 गैर लड़ाकू सैनिकों ने देश के लिए अपना सर्वोच्च बलिदान देकर भारत माता की रक्षा की थी।युद्ध के पश्चात भारत सरकार द्वारा कमांडिंगऑफिसर (मेजर जनरल) बी एम भट्टाचार्जी PVSM ,महावीर चक्र व राइफल जसवंत सिंह रावत महाबीर चक्र (मरणोपरांत) 02 महाबीर चक्र, 07 बीर चक्र, 01 सेना मेडल, 01 मेंशन – इन – डिस्पैच व चौथी बटालियन दी गढ़वाल राइफल्स को युद्ध सम्मान दिवस ( Battle Honour of NURANANG ) से नवाजा गया।नेफा सेक्टर अब अरुणाचल प्रदेश (तवांग) मे वीर शहीदों की याद मे एक मेमोरियल बनाया गया है, जिसे जसवंतगढ़ के नाम से जाना जाता है।जिसे बटालियन व पूर्व सैनिक परिवारजनों सहित हर वर्ष 17 नवम्बर को बड़े धूमधाम से मनाते हैं।सभागार मे पूर्व सैनिकों द्वारा दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारम्भ किया गया, गणेश वंदना,बलिदानियों की याद मे दो मिनट का मौन धारण कर सभी ने अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की, देशभक्ति गीतों ,सांस्कृतिक व अभिभाषण के पश्चात कार्यक्रम सम्पन हुआ।इस अवसर पर कर्नल वी एस नेगी (से. नि.), कैप्टन दलवीर सिंह, सेना मैडल, कैप्टन तेजपाल सिंह नेगी, SM, VSM, विनोद खंडूड़ी, जयमल सजवान, सुल्तान सिंह बच्चन सिंह, चौधरी विक्रम सिंह व बटालियन के अन्य पूर्व सैनिक व परिवारजन मौजूद रहे।
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