अस्पतालों में डॉक्टरों की सुरक्षा व जवाबदेही के लिए पहली बार बनेगी SOP, जल्दी होगी बैठक
अस्पतालों में डॉक्टरों व पैरामेडिकल स्टाफ के साथ मारपीट करने के मामले सामने आते हैं। यदि इलाज के दौरान डॉक्टर लापरवाही करता है तो तीमारदार विभाग या पुलिस को शिकायत दे सकते हैं।
राजकीय अस्पतालों व मेडिकल कॉलेजों में कार्यरत डॉक्टरों, पैरामेडिकल स्टाफ की सुरक्षा व जवाबदेही के लिए प्रदेश में पहली बार मानक प्रचालन प्रक्रिया (एसओपी) बनाई जाएगी। इसमें अस्पतालों में डॉक्टरों के साथ तीमारदारों की ओर से अभद्रता व मारपीट की घटनाएं रोकने के लिए नियम बनाए जाएंगे। इसके साथ ही जनता के प्रति डॉक्टरों की जबावदेही भी तय की जाएगी।
स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने बताया कि अस्पतालों में डॉक्टरों व पैरामेडिकल स्टाफ के साथ मारपीट करने के मामले सामने आते हैं। यदि इलाज के दौरान डॉक्टर लापरवाही करता है तो तीमारदार विभाग या पुलिस को शिकायत दे सकते हैं। लेकिन, डॉक्टरों व नर्सों से झगड़ा नहीं कर सकते हैं। इसे देखते हुए एसओपी बनाई जा रही है। डॉक्टरों की सुरक्षा के साथ ही डॉक्टरों की भी जवाबदेही तय की जाएगी। डॉक्टरों को 24 घंटे अस्पताल में उपलब्ध रहना होगा। यदि किसी कारणवश डॉक्टर अस्पताल में उपलब्ध नहीं हैं, तो ऑन कॉल रहना होगा। एसओपी को लेकर शीघ्र ही डॉक्टर संगठनों के साथ बैठक की जाएगी।
निशुल्क एयर एंबुलेंस का पहला राज्य होगा उत्तराखंड
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा, एम्स ऋषिकेश से शीघ्र ही एयर एंबुलेंस की सुविधा शुरू हो रही है। आपात स्थिति में मरीजों को निशुल्क एंबुलेंस सेवा उपलब्ध कराने में उत्तराखंड देश का पहला राज्य होगा। आयुष्मान योजना के तहत एक साल में अभी तक 12 लाख लोगों का मुफ्त इलाज किया जा चुका है। साल में करीब 45 लाख लोगों की फ्री जांच कराई जा रही है।