Latest posts by Sapna Rani (see all)देहरादून: उत्तराखंड के सरकारी सिस्टम पर साइबर हमला कर उसे हैक करने वाले ने डाटा सुरक्षित लौटाने के बदले पैसों की मांग कर दी। सिस्टम पांच दिन ठप करने वाले साइबर अपराधी ने दो ईमेल आईडी देकर,उनके जरिए संपर्क करने की बात कहते हुए फिरौती मांगी है। इस मामले में अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया है। एसटीएफ के अलावा एनआईए ने भी मामले की जांच शुरू कर दी है। उत्तराखंड के स्टेट डाटा सेंटर पर दो अक्तूबर को बड़ा साइबर हमला हुआ।इस मामले में क्राइम एंड क्रिमिनल ट्रैकिंग नेटवर्क सिस्टम (सीसीटीएनएस) प्रोजेक्ट की प्रभारी निरीक्षक पीएचक्यू रचना सागर श्रीवास्तव की तरफ से केस दर्ज कराया गया। दून के साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन में दर्ज केस में कहा गया कि बीते बुधवार दोपहर 245 से 255 बजे के बीच सीसीटीएनएस का सर्वर हैंग हो गया। इससे काम बाधित हो गया। जांच की तो पता चला कि सर्वर के साथ अन्य सिस्टम भी काम नहीं कर रहे थे। इस पर आईटीडीए से संपर्क किया गया। वहां से जानकारी मिली कि सर्वर के हर फोल्डर में एक नोटपैड फाइल में हैकिंग का संदेश दिख रहा है।इसमें हैकर ने फिरौती की मांग की है। श्रीवास्तव ने मामले की सूचना तुरंत उच्चाधिकारियों को दी। इसके बाद चार अक्तूबर को साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन में अज्ञात के विरुद्ध संबंधित धाराओं में मामला दर्ज कर लिया गया। हालांकि अधिकारी मामले को दबाए रहे। इस संबंध में पूछने पर भी उन्होंने चुप्पी नहीं तोड़ी।हैकर ने संपर्क के लिए दीं दो मेल आईडीहैकर्स ने संदेश में दो ईमेल hermesaa@ tutamail.com व linger11@ cock.li के माध्यम से संपर्क करने की बात कही है। साथ ही, उन्होंने डाटा सुरक्षित वापस करने के बदले भुगतान की मांग की। यह स्पष्ट है कि बिना अनुमति के सर्वर में अनाधिकृत प्रवेश कर डेटा को एक्सेस किया गया है और अब इसे वापस देने के लिए फिरौती मांगी जा रही है।ऑनलाइन सेवाएं सुचारुस्टेट डाटा सेंटर से ऑनलाइन सेवाएं 112 घंटे (पांच दिन) बाद सोमवार को बहाल हो गईं। इससे अब कोषागारों-उपकोषागारों सेवेतन-पेंशन व तमाम योजनाओं के लिए बजट जारी किया गया। मंगलवार से तहसीलों में विभिन्न प्रमाणपत्र बनवाने के लिए शुल्क भी जमा हो सकेगा।तमाम साइट ‘खा’ गया वायरसउत्तराखंड के स्टेट डाटा सेंटर में साइबर अटैक में 15-20 वेबसाइट बर्बाद हो गईं। सूत्रों के अनुसार, करीब 15 से 20 ऐसी वेबसाइट हैं, जो बहुत पुराने ऑपरेटिंग सिस्टम पर थीं। इन साइटों को फिलहाल सुचारु नहीं किया जा रहा है।इस मामले में पहले ही एफआईआर दर्ज कर ली गई थी। मामले की गंभीरता को देखते हुए एसटीएफ और साइबर क्राइम की टीम लगातार गहनता से विवेचना कर रहे हैं।शैलेश बगोली, सचिव गृहमामले की जांच में एनआईए और एसटीएफ को भी लगाया है। चूंकि एनआईए ऐसे मामलों की जांच में दक्ष है इसलिए उसका सहयोग लिया गया है।
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उत्तराखंड के सरकारी सिस्टम पर साइबर अटैक कर हैकिंग, हैकरों ने मेल करके मांगी फिरौती – Uttarakhand myuttarakhandnews.com
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