देहरादून। श्री गुरु राम राय विश्वविद्यालय (एसजीआरआरयू) में नैशनल बोर्ड ऑफ इग्जैमिनेशन इन मैडिकल साइंसेज के सहयोग व विश्वविद्यालय के आई.क्यू.ए.सी. सैल, स्कूल ऑफ मेडिकल, काॅलेज ऑफ नर्सिग, स्कूल आॅफ फार्मास्यूटिकल साइंसेज और स्कूल ऑफ पैरामैडिकल एण्ड एलाइड हैल्थ साइंसेज ने कार्डियोपल्मोनरी रिसससाईटेशन(सी.पी.आर.) के महत्व को उजागर करने हेतु सेमिनार का आयोजन किया। इस सेमिनार में विश्वविद्यालय के सभी 11 स्कूलो के 1,200 से भी अधिक छात्र-छात्राओं ने उत्साहपूर्वक प्रतिभाग किया। कार्यक्रम का शुभारंभ एनेस्थीसिया के विभागाध्यक्ष डाॅ. निशिथ गोविल और डाॅ. कुमार पराग द्वारा संयुक्त रूप से किया गया।
सेमिनार में चिकित्सको ने जानकारी दी कि कार्डियोपल्मोनरी रिसससाईटेशन(सी.पी.आर.) क्या है? उन्होंने बताया कि बिजली का झटका लगने पर, डूबने पर और दम घुटने जैसी स्थितियो में, हार्ट अटैक आने पर, सबसे पहले कार्डियो पल्मोनरी रिसससाईटेशन(सी.पी.आर ) दिया जाता है, सीपीआर प्रक्रिया के दौरान पीड़ित को किसी ठोस जगह पर लिटाया जाता है, सी.पी.आर देने का क्या प्रक्रिया है इन सभी विषयो पर छात्र-छात्राओं के साथ चर्चा की गई। सेमिनार के दौरान प्रतिभाग कर रहे छात्र-छात्राओं ने अपने सी.पी.आर से जुडे तमाम प्रश्नों के उत्तर भी चिकित्सकों से जाने। कार्यक्रम के अंत मे श्री गुरु राम राय इंस्टीटयूट आॅफ मेडिकल एण्ड हैल्थ साइंसेज के प्राचार्य डाॅ. आर.के. वर्मा ने कहा कि सी.पी.आर को सीखना हम सब के लिए जरूरी है, क्योंकि यह वर्तमान स्वास्थ्य देखभाल प्रणाली की मांग है।
इस दौरान कि श्री गुरु राम राय विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. डाॅ. यशबीर दिवान, कुलसचिव प्रो.डाॅ. अजय कुमार खडूडी, आई.क्यू.ए.सी सैल निदेशक डाॅ.सुमन विज, प्राचार्य, काॅलेज ऑफ नर्सिग डाॅ.जी.रामालक्ष्मी, डाॅ.दिव्या जुयाल, डाॅ. कृति सिंह सहित सभी स्कूलो के डीन, विभागाध्यक्ष, फैकल्टी और छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।