― Advertisement ―

Homehindiकेदारनाथ मंदिर सोना प्रकरण की जांच रिपोर्ट सार्वजनिक हो- अजेंद्र अजय

केदारनाथ मंदिर सोना प्रकरण की जांच रिपोर्ट सार्वजनिक हो- अजेंद्र अजय




केदारनाथ मंदिर सोना प्रकरण की जांच रिपोर्ट सार्वजनिक हो- अजेंद्र अजय

कांग्रेस एक सुनियोजित षड्यंत्र के तहत लगातार केदारनाथ धाम के गर्भगृह में स्वर्ण परत चढ़ाने के मामले में दुष्प्रचार अभियान चला रही है- अजेंद्र अजय
देहरादून। बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति (बीकेटीसी) के अध्यक्ष अजेंद्र अजय केदारनाथ मंदिर में सोने के प्रकरण को लेकर व्यथित हैं। उनका आरोप है कि कांग्रेस एक सुनियोजित षड्यंत्र के तहत लगातार केदारनाथ धाम के गर्भगृह में स्वर्ण परत चढ़ाने के मामले में दुष्प्रचार अभियान चलाए हुए है।उन्होंने गढ़वाल कमिश्नर की जांच रिपोर्ट को सार्वजनिक करने की मांग की है। साथ ही बीकेटीसी से जुड़े अन्य प्रकरणों के संबंध में भी कार्रवाई की अपेक्षा की है।
अजेंद्र ने फेसबुक पोस्ट में विस्तार से चर्चा की है। लिखा, केदारनाथ मंदिर के गर्भगृह में स्वर्ण परत चढ़ाने का कार्य एक निर्धारित प्रक्रिया के तहत हुआ, पर राजनीतिक स्वार्थों के चलते धाम को विवाद का केंद्र बना रहे हैं। अजेंद्र अजय ने लिखा, कुछ समय पूर्व एक स्वामी ने उद्धव ठाकरे से भेंट कर सोने को न लेकर सवाल उठाए थे। उसके बाद शुक्रवार को ठाकरे ने महाराष्ट्र विस चुनाव के चलते यह मुद्दा उठाया। अजेंद्र के मुताबिक, गत वर्ष जब सोने पं को लेकर विवाद हुआ था, तब ही उन्होंने सरकार से जांच का अनुरोध किया था। सरकार ने जांच कराई। कहा, बदरी-केदार करोड़ों हिंदुओं की आस्था व श्रद्धा के केंद्र के साथ हमारे प्रदेश की आर्थिक की धुरी भी हैं। धामों के प्रति अगर श्रद्धालुओं में किसी प्रकार का गलत संदेश जाता है तो वह हमारे प्रदेश की आर्थिकी को क्षति पहुंचाने के साथ ही हिंदू धर्मावलंबियों के लिए भी कष्टकारक है। कहा- पीएम के प्रयासों से विगत वर्षों में बदरी-केदार में श्रद्धालुओं की संख्या नए कीर्तिमान स्थापित कर रही है। कहा, मंदिरों में दीमक की तरह लगे स्वार्थी तत्व वहां सुधार की प्रक्रिया में बाधक बने हुए हैं।
वर्ष 2012 से कुछ समय पूर्व तक मंदिर समिति में तैनात रहे एक अधिकारी के कार्यकाल की जांच की मांग की। कहा, समिति के कुछ सदस्यों की जांच, जिनकी पत्रावली गृह विभाग में लंबित है, उन पर कार्रवाई को लेकर पहल जरूरी है। क्यूआर कोड को लेकर पुलिस के पास दर्ज एफआईआर का निष्कर्ष भी सार्वजनिक करना जरूरी है।