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उत्तराखंड में आ सकती है बड़ी तबाही? हिल जाएंगे बड़े से बड़े पहाड़! लगातार आ रहे भूकंप बड़े हादसे की ओर इशारा – Uttarakhand

Can a big disaster come in Uttarakhand? Even the biggest mountains will shake! Continuous earthquakes point to a big accidentCan a big disaster come in Uttarakhand? Even the biggest mountains will shake! Continuous earthquakes point to a big accidentCan a big disaster come in Uttarakhand? Even the biggest mountains will shake! Continuous earthquakes point to a big accidentइस खबर को शेयर करेंLatest posts by Sapna Rani (see all)देहरादून: उत्तराखंड के अलग-अलग हिस्सों में जमीन धंसाव की खबरें लगातार सामने आ रही हैं. पहले जोशीमठ तो अब अल्मोड़ा-हल्द्वानी स्टेट हाईवे का हिस्सा करीब 30 मीटर धंस चुका है. इसके चलते गाड़ियों का नदी में गिरने का खतरा भी बढ़ गया है. लेकिन इसके पीछे कारण क्या है, इसको लेकर जांच चल रही है. इस बीच उत्तराखंड में भूकंप ने भी जमीन धंसाव की घटना को और बढ़ावा दिया है. गढ़वाल क्षेत्र में यानी कि उत्तरकाशी में एक सप्ताह के भीतर 24 से 31 जनवरी के बीच 2.7 से 3.5 तीव्रता तक के लगातार सात बार भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं, जिसके चलते स्थानीय लोगों में दहशत फैल गई है।7 दिन में 7 बार भूकंपटाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक भूकंप के लगातार आने की घटना की शुरुआत 24 जनवरी को अलग-अलग तीव्रता के लगातार तीन झटकों के साथ हुई, जिनमें सबसे अधिक तीव्रता 3.5 थी. अगले दिन, उत्तरकाशी शहर में 2.7 तीव्रता का भूकंप आया. इसके बाद 29, 30 और 31 जनवरी को समान तीव्रता के झटके आए. लगभग सभी भूकंपों का केंद्र जिले के भटवारी और बडकोट इलाकों के पास स्थित था. विशेष रूप से, उत्तरकाशी भारत के भूकंपीय क्षेत्र मानचित्र के जोन IV में स्थित है, जिससे यह भूकंप के प्रति अत्यधिक संवेदनशील है.1991 में 700 की हुई थी मौतबता दें कि उत्तरकाशी में साल 1991 में जोरदार भूकंप आया था, जिसके चलते 700 लोगों की मौत हो गई थी. एक्सपर्ट ने लगातार आ रहे भूकंपों को भूकंप के झुंड के तौर पर पहचाना है. यह एक ऐसी घटना है जहां एक कम समय में एक ही क्षेत्र में कई छोटे झटके आते हैं. भूकंप के झुंड आमतौर पर जापान, मध्य इटली, ‘अफ़ार डिप्रेशन’ और आइसलैंड जैसे ज्वालामुखीय क्षेत्रों में देखे जाते हैं, जो अक्सर विस्फोट से पहले और दौरान होते हैं.लगातार भूकंप के चलते डर का माहौलभूकंपों ने भले ही जान-माल को कोई खास नुकसान नहीं पहुंचाया है. लेकिन निवासियों को काफी परेशान कर दिया है, जिनमें से कुछ परिवार खुले में रातें बिताना पसंद कर रहे हैं. ऐसा न हो कि जब वे सो रहे हों, तब भूकंप आ जाए. भूकंप विज्ञानियों ने लंबे समय से चेतावनी दी है कि हिमालय में जल्द ही एक ‘बड़ा भूकंप’ आने वाला है. हालाँकि, गहलौत के अनुसार, यह अनिश्चित है कि क्या ये झटके संकेत देते हैं कि कोई बड़ा भूकंप आने वाला है.