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अगले दो दिन पूरे उत्‍तराखंड में भारी बारिश की भविष्‍यवाणी, मौसम विभाग ने जारी किया येलो अलर्ट – Uttarakhand myuttarakhandnews.com

Latest posts by Sapna Rani (see all)देहरादून: उत्तराखंड में अगले दो दिन भारी बारिश की उम्मीद है। मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार कहीं-कहीं एक से दो दौर तेज बारिश के हो सकते हैं। जबकि अन्य जिलों में कहीं-कहीं बादल छाए रहने और हल्की बारिश के आसार हैं। उत्तराखंड में बारिश ने पिछले दिनों में पर्वतीय क्षेत्रों में तबाही मचाई है। शनिवार को देहरादून सहित पर्वतीय जिलों में भी तेज धूप खिली रही हालांकि बीच- बीच में हल्के बादल भी घिरते रहे।तेज धूप के कारण अधिकतम तापमान में बढ़ोतरी हुई। रविवार को देहरादून का अधिकतम तापमान 32.4 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 24.3 डिग्री सेल्सियस रहा। जबकि पिछले दो सप्ताह से तापमान 28 से 30 डिग्री सेल्सियस तक बना हुआ था।मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक विक्रम सिंह के अनुसार रविवार और सोमवार को प्रदेश में कहीं कहीं एक से दो दोर तेज बारिश की हो सकते हैं। जिसको लेकर येलो अलर्ट जारी किया गया है। देहरादून में मॉनसून सीजन में सड़कों की हालत खराब हो गई है। बारिश के दौरान सड़कें गड्ढों और तालाब में तब्दील हो गई है। जिसके चलते वाहन चालकों को भारी दिक्कतें उठानी पड़ रही हैं।केदारनाथ यात्रा की राह मुश्किलउधर, 31 जुलाई को आई आपदा के बाद से केदारनाथ यात्रा की राह मुश्किल हो रही है। अगस्त महीने के अंत तक केदारनाथ यात्रा सहित व्यवस्थाओं को दुरुस्त करने का दावा प्रशासन कर रहा है लेकिन केदारनाथ और सोनप्रयाग गौरीकुंड के बीच बुरी तरह क्षतिग्रस्त हाईवे पर यात्रा करना बेहद चुनौती भरा है।बारिश होने की स्थिति में यह मार्ग बेहद खतरनाक हो सकता है। 31 जुलाई को आई आपदा के बाद से सोनप्रयाग से गौरीकुंड के बीच पैदल पूरी तरह से ध्वस्त हो गया है। धाम के कपाट खुलने के बाद से जून माह तक पहले चरण की यात्रा संपन्न हो जाती है।यात्रा के दूसरे चरण पर संशयबारिश के दिनों में बेहद कम यात्री केदारनाथ धाम आते हैं। मॉनसून की विदाई के बाद सितंबर माह से यात्रा का दूसरा चरण शुरू हो जाता है। लेकिन इस बार यात्रा के दूसरे चरण के शुरू होने पर संशय बना हुआ है क्योंकि आपदा के चलते पैदल मार्ग 13 स्थान पर बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो रखा है।तीर्थयात्रियों की संख्या बढ़ी तो मुसीबतकेदारनाथ प्रशासन में इन रास्तों को आवाजाही के लायक तो बना दिया है लेकिन रास्ते एक से दो मीटर चौड़े ही बन पाए हैं। तीर्थयात्रियों की संख्या बढ़ने पर यह रास्ते मुसीबत बन सकते हैं। प्रशासन को सोनप्रयाग में क्षतिग्रस्त गौरीकुंड हाईवे भी दुरुस्त करना है जिससे कि वहां से यात्रा बिना बाधा के हो सके लेकिन फिलहाल बारिश के चलते यात्रा व्यवस्थाएं बहाल करने में दिक्कत आ रही है।बारिश होने पर पहाड़ी से पत्थर गिरने का खतरा बना हुआ है। यदि बारिश का सिलसिला सितंबर महीने में भी जारी रहा तो केदारनाथ यात्रा पर भी असर पड़ सकता है। जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की लोनिवि शाखा की अधिशासी अभियंता विनय झिंकवाण ने बताया कि केदारनाथ पैदल मार्ग पर क्षतिग्रस्त मार्ग का निर्माण कार्य शुरू कर दिया गया है। 12 स्थान पर पुश्ते 50 मीटर तक ध्वस्त हो गए हैं जिनको दुरुस्त करने में समय लग रहा है।