― Advertisement ―

Homehindiभारी बारिश से उत्तराखंड में सहमे लोग, नदियां उफनाईं, सड़कें बंद-पुल बहे,...

भारी बारिश से उत्तराखंड में सहमे लोग, नदियां उफनाईं, सड़कें बंद-पुल बहे, घर जमींदोज – myuttarakhandnews.com

Latest posts by Sapna Rani (see all)देहरादून: उत्तराखंड में बारिश जमकर कहर बरपा रही है। भारी बरसात के बाद नदियां उफान पर आ गईं हैं। सड़कों पर मलबा आने से यात्रा प्रभावित हुआ है। बारिश की वजह से कई घर जमींदोज भी हुए हैं। गढ़वाल से लेकर कुमाऊं तक भारी बारिश से भारी नुकसान पहुंचाया। जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया। यमुनोत्री में गुरुवार रात को यमुना नदी के उफान से हड़कंप मच गया। जानकीचट्टी पार्किंग में यमुना का पानी आ गया। वाहनों को वहां से हटाया गया। वहीं शुक्रवार शाम को गंगोत्री में भागीरथी नदी ने भी रौद्र रूप दिखाया। गंगा घाट जलमग्न हो गए। दूसरी तरफ बागेश्वर के कपकोट में अतिवृष्टि से कई भवन क्षतिग्रस्त हो गए। चमोली जिले के बुराली और बांसवाड़ा में उफनते नाले के कारण लोगों को रात को ही दूसरे स्थान पर शरण लेनी पड़ी। मद्महेश्वर मार्ग पर पुल बहने से यात्री फंस गए।केदारनाथ हाईवे पर सड़क टूटने से फंसा ट्रकबारिश के दौरान केदारनाथ हाईवे पर देवीधार पुलिया के पास सड़क टूटने से शुक्रवार सुबह एक ट्रक फंस गया। ट्रक का कुछ हिस्सा सड़क से बाहर चला गया। इस दौरान ट्रक खाई में गिरने से बाल-बाल बचा। हाइड्रा मशीन की मदद से ट्रक को हटाकर सड़क बनाई गई। दो घंटे तक सड़क पर ट्रैफिक थमा रहा।बागेश्वर : कपकोट में पांच मकान क्षतिग्रस्तकुमाऊं में बारिश से लोगों की मुश्किलें जारी हैं। पिथौरागढ़ के गोठानी क्षेत्र में दो खड़ी जीप, बोल्डर गिरने से क्षतिग्रस्त हो गईं। बागेश्वर जिले में गुरुवार रात भर बारिश हुई। इससे शामा समेत अन्य गांवों में पांच मकान क्षतिग्रस्त हो गए। बड़ी पन्याली शामा में एक मकान जमींदोज हो गया। मलबे में दबकर दो मवेशियों की मौत हो गई। पेयजल लाइन और मार्ग क्षतिग्रस्त हो गए हैं। एसडीआरएफ की टीम शुक्रवार को दिनभर यहां राहत कार्यों में जुटी रही।राप्ती में भारी भूस्खलन, पांच मकानों को खतरापिथौरागढ़ में बंगापानी, तेजम, धारचूला में आफत की बारिश हुई है। जिससे राप्ती के कुथवा में भारी भूस्खलन से 5 मकानों को गंभीर खतरा हो गया है। पय्यां पौड़ी रोड में गोठानी के समीप सड़क पर रात के समय पार्क किए गये दो जीपों पर पहाड़ी से आए भारी बोल्डर गिरने से दोनों वाहनों को काफी नुकसान पहुंचा है। भारी बारिश के बाद काली नदी चेतावनी निशान पर बह रही है। जिससे नदी किनारे की आबादी में दहशत है। जनपद में पिछले 24 घंटे में सीमांत क्षेत्र में भारी बारिश हुई है। तेजम में 103 एमएम से अधिक बारिश हुई है। बंगापानी में 85 एमएम से अधिक बारिश से यहां राप्ती के कुथवा तोक में भूस्खलन गुरुवार देर रात हुआ।जिससे पांच मकानों को खतरा पैदा हो गया है। बलुवाकोट पय्यांपौड़ी रोड में गोठानी चट्टान से भारी बोल्डर आने से सड़क किनारे पार्क दो मैक्स जीपों को नुकसान हुआ है। एक जीप का अगला पहिया व शीशा बोल्डर की चपेट में आने से निकल गए । यहां अब भी महेन्द्र सिंह की दुकान के पास बारिश में रुक- रुक कर बोल्डर गिर रहे हैं। स्थानीय लोगों ने बताया कि बोल्डर यहां पर चार घरों के पास तक पहुंच गए हालांकि कोई नुकसान नहीं हुआ है।प्रमोद ऐरी ने बताया कि बलुवाकोट बलुवाकोट पय्यांपौड़ी रोड गोठानी में बंद है। उन्होंने विभाग से मोटर मार्ग खोलने की मांग की है।धारचूला में 60.40 एमएम बारिश हुई है। इससे काली नदी चेतावनी निशान 889 मीटर पर बह रही है। बेरीनाग में 8.40 एमएम , मुनस्यारी में 33.20 व डीडीहाट में 61 एमएम बारिश हुई है। थल में 63.20 एमएम से अधिक बारिश होने से यहां भी रामगंगा नदी उफान पर बहती रही।बदहाल सड़कों से आवाजाही मुश्किलथल से पांखू-कोटमन्या-धरमघर मोटर मार्ग की हालत बेहद खराब है। सड़क में जगह-जगह गड्ढे बन गए हैं। इससे मां भगवती मंदिर के दर्शन को जाने वाले श्रद्धालुओं के साथ ही स्थानीय लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। मोटर मार्ग में कई जगह डामर का नामोनिशान ही नहीं है। सामाजिक सरोकारों से जुड़े जगदीश सिंह ने बताया कि इस मार्ग पर क्षेत्र का प्रसिद्ध कोटगाड़ी मंदिर स्थित है। जहां रोज हजारों श्रद्धालु पहुंचते हैं। क्षेत्र के पुंगरांव पट्टी के लोगों को भी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।पुंगरांव पट्टी के करीब 60 गांव के लोग टूटे मोटर मार्ग से जाने को विवश हैं। कहा कि थल से पांखू की दूरी 24 किमी है। जिस पर 1 घंटे की यात्रा करने में 2 घंटे तक लग जाते हैं। टैक्सी चालक दिनेश सिंह ने बताया कि सड़क की हालत खस्ता है। हर चार माह में वाहनों के टायर और पट्टे बदलने पड़ रहे हैं।बारिश के बाद बंद हैं 25 सड़कें, लोग परेशानपिथौरागढ़ जिले में बारिश के बाद 25 सड़कें बंद हैं। धारचूला, डीडीहाट में पीएमजीएसवाई व लोनिवि की कुल 25 ग्रामीण मोटर मार्ग बंद हैं। बांसबगड कोटा पंद्रह पाला, खेला- गर्गुवा, पौडी- घटकुना, कालिका- खुमती, छिरकिला – जम्कू, बुई- पातों, मदकोट – दारमा- ढूनामानी, मदकोट- तोमिक, होकरा- नामिक, मुनस्यारी- हरकोट चौना सहित अन्य सड़कों के बंद रहने से लोगों को मुश्किल हो रही है। जौलजीबी मुनस्यारी मार्ग बलौटा,सेरा, के पास मलबा आने से बंद है।कई गांवों में बिजली है गुलमुनस्यारी। राप्ती गांव में भारी बारिश में बिजली के पोल गिरने से बिजली आपूर्ति ठप है। इससे स्थानीय लोगों को खासी परेशानी हो रही है। लोग अपने मोबाइल फोन तक चार्ज नहीं करा पा रहे हैं।