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उत्तराखंड की सड़कों पर नहीं मिलेंगे गड्ढे, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी खुद लेंगे ऐक्शन – Uttarakhand

There will be no potholes on the roads of Uttarakhand, Chief Minister Pushkar Singh Dhami himself will take actionThere will be no potholes on the roads of Uttarakhand, Chief Minister Pushkar Singh Dhami himself will take actionThere will be no potholes on the roads of Uttarakhand, Chief Minister Pushkar Singh Dhami himself will take actionइस खबर को शेयर करेंLatest posts by Sapna Rani (see all)देहरादून: जनहित योजनाओं के क्रियान्वयन की जमीनी स्थित की पड़ताल के लिए अपर सचिवों की ड्यूटी लगाने के बाद सरकार एक और बड़ा कदम उठाने जा रही है। इसके तहत मुख्यमंत्री पुष्कर धामी विभिन्न क्षेत्रों में सड़क मार्ग के जरिये ही भ्रमण करेंगे। इससे जहां प्रदेश की सड़कों की वास्तविक स्थिति का आकलन होगा, वहीं आम लोगों के साथ सरकार का संवाद भी बढ़ेगा।शीर्ष अधिकारियों के साथ नियमित रूप से होने वाली उच्च स्तरीय बैठक में मुख्यमंत्री ने सड़क मार्ग से भ्रमण के बाबत निर्देश दे दिए हैं। सूत्रों के अनुसार हेलीकॉप्टर का उपयोग अपरिहार्य स्थिति में ही किया जाएगा। इस फैसले का असर यह होगा कि अधिकारी जमीनी हकीकत को नहीं छिपा पाएंगे।अपर सचिवों के लिए गांवों में रात्रि प्रवास अनिवार्य मुख्यमंत्री ने हाल ही में अपर सचिव स्तर के अफसरों के लिए जिम्मेदारियां तय की है। अपर सचिव स्तर के अधिकारी राज्य के सभी ब्लॉकों में जाएंगे। वहां वे केंद्र और राज्य सरकार की योजनाओं की सत्यापन करेंगे। सभी अधिकारी अपने-अपने ब्लॉक के एक या दो गांवों में जाकर रात्रि प्रवास भी करेंगे। इस दौरान वे स्थानीय लोगों के साथ संवाद करते हुए उनकी समस्याओं को जानेंगे और विकास कार्यों का अपडेट भी लेंगे।आम आदमी से मिली जमीनी जानकारी और योजनाओं की वास्तविक स्थित का आंकलन करने के बाद अपर सचिव सरकार को रिपोर्ट देंगे। इस रिपोर्ट के आधार पर तत्काल कार्रवाई की जाएगी। मालूम हो कि गांवों में जाकर लोगों के साथ रहने का अभियान मुख्यमंत्री पहले ही शुरू कर चुके हैं। हाल ही में शीतकालीन यात्रा कार्यक्रम के दौरान भी वे रुद्रप्रयाग में रहे। जल्द ही उनका अन्य जिलों में भी प्रवास कार्यक्रम शुरू होगा।उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी कहते हैं कि गांव के अंतिम छोर पर खड़े व्यक्ति तक विकास की रोशनी पहुंचे, इसके लिए सतत रूप से मॉनिटरिंग की जा रही है। उच्च स्तरीय अधिकारियों की भी जिम्मेदारियां तय की गई हैं।