देहरादून:- अलकनंदा गंगा रीवर राफ्टिंग समिति के पदाधिकारियों ने उतराखंड पर्यटन विकास बोर्ड के कार्यालय परिसर में सात घंटे तक धरना-प्रदर्शन किया।
उनका कहना है कि अलकनंदा नदी में पर्यटकों की आवाजाही न होने के कारण वह पिछले एक साल से परमिट को गंगा नदी में राफ्टिंग करवाने के लिए स्थानांतरित करने की मांग कर रहे हैं, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही है। इस दौरान उन्होंने पर्यटन विभाग के अधिकारियों के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। दूसरी ओर, पूर्व विधायक भीमलाल आर्य ने बताया कि विभाग के अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी कर्नल अश्विनी – पुंडीर ने सोमवार को उनके साथ बैठक कर मांग पर बातचीत की थी।
शुक्रवार सुबह घनसाली के पूर्व विधायक भीमलाल आर्य के नेतृत्व में • अलकनंदा रीवर राफ्टिंग समिति के पदाधिकारी गढ़ी कैंट स्थित पर्यटन विकास बोर्ड के कार्यालय पहुंचे और परिसर में धरने पर बैठ गए। समिति के पदाधिकारियों ने कहा कि वर्ष 2016 के आसपास पर्यटन विभाग द्वारा अलकनंदा नदी में राफ्टिंग कराने के लिए करीब 19 स्थानीय व्यापारियों को परमिट जारी किए गए थे।
रीवर राफ्टिंग कराने के लिए सभी व्यवसाईयों ने करीब 20-20 लाख रुपये खर्च कर राफ्ट और अन्य उपकरण खरीदकर व्यवसाय शुरू किया।
आर्थिक रूप से कमजोर कुछ व्यापारियों ने उपकरण खरीदने के लिए बैंक से लोन भी लिया। इस दौरान वह चमोली से देवप्रयाग के बीच में रीवर राफ्टिंग कराने लगे, लेकिन इस क्षेत्र में पर्यटकों की आवाजाही न के बराबर है। ऐसे में लाखों खर्च करने के बावजूद भी उनका रोजमर्रा का खर्च भी नहीं निकल पा रहा है। वहीं, राफ्ट समेत अन्य महंगे उपकरण खरीदने के लिए लोन लेने वाले व्यवसाई बैंक की किस्त भी नहीं चुका पा रहे। वह पिछले करीब एक साल से परमिट को गंगा नदी में राफ्टिंग करवाने के लिए स्थानांतरित करने की मांग कर रहे हैं। ताकि गंगा नदी क्षेत्र में उन्हें बेहतर। व्यवसाय मिल सके।
उन्होंने बताया कि परमिट स्थानांतरण की मांग के लिए वह मुख्यमंत्री पुष्कम सिंह धामी, पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज, संसद सदस्य तीरथ सिंह रावत, मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, पूर्व मुख्यमंत्री भगत सिंह कोश्यारी और हरिद्वार सांसद त्रिवेंद्र सिंह रावत के पास भी जा कर अपनी फरियाद रख चुके हैं, लेकिन इसके बावजूद उनकी समस्या का समाधान नहीं हुआ है।
शुक्रवार को पहुंचे लोगो में विनय अरोड़ा, सुनील आर्य, अनिल चौहान, अजय शर्मा, राजीव रस्तोगी, प्रदीप भंडारी, नरेंद्र सिंह आदि व्यवसायी मौजूद रहे।