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उत्तराखंड: 92 मदरसों में स्कॉलरशिप घोटाला, सीएम धामी ने गठित की SIT, बोर्ड अध्यक्ष ने जताई उम्मीद – Uttarakhand

इस खबर को शेयर करेंLatest posts by Sandeep Chaudhary (see all)देहरादून: उत्तराखंड में राष्ट्रीय स्कॉलरशिप पोर्टल के माध्यम से किए गए फर्जीवाड़े और स्कॉलरशिप राशि के गबन के गंभीर मामले को लेकर राज्य सरकार सख्त हो गई है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस प्रकरण की गंभीरता को देखते हुए विशेष जांच टीम (एसआईटी) के गठन के निर्देश दिए हैं। प्रारंभिक जांच में यह सामने आया है कि कुछ मदरसे, संस्कृत विद्यालय और अन्य शिक्षण संस्थानों ने फर्जी दस्तावेजों के जरिए अल्पसंख्यक स्कॉलरशिप प्राप्त की है। इस प्रकार के मामले को लेकर मदरसा बोर्ड के अध्यक्ष मुफ्ती शमून कासमी का बयान सामने आया है। इसमें उन्होंने सरकार की कार्रवाई का समर्थन करते हुए कहा है कि इसके निश्चित तौर पर सकारात्मक परिणाम आएंगे।धामी ने दिखाए कड़े तेवरमुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने साफ कहा है कि स्कॉलरशिप जैसे कल्याणकारी कार्यक्रमों में किसी भी प्रकार की अनियमितता बर्दाश्त नहीं की जाएगी और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचारियों को किसी भी हाल में बख्शा नहीं जाएगा। दोषियों की पहचान कर उन्हें कानून के दायरे में लाया जाएगा। इसके लिए सीएम धामी के निर्देश पर एसआईटी का गठन किया गया है।अध्यक्ष ने जताई उम्मीदउत्तराखंड मदरसा बोर्ड के अध्यक्ष मुफ्ती शमून कासमी ने सीएम धामी के एसआईटी गठन के आदेश का समर्थन किया है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की ओर से आज एसआईटी गठित करने का निर्देश अत्यंत सराहनीय और स्वागत योग्य है। यह एक ऐसा कदम है जिसके बहुत सकारात्मक परिणाम निकलेंगे। पुष्कर सिंह धामी के पिछले चार साल निष्पक्षता और ईमानदारी से भरे रहे हैं। उन्होंने कहा कि धामी सरकार ने किसी भी योजना में किसी वर्ग को वंचित नहीं किया।मुफ्ती कासमी ने कहा कि सरकार ने योजनाओं में कोई भेदभाव नहीं रखा है। शिक्षक, छात्र, अधिकारी या आम जनता के हित में काम हुए हैं। स्कॉलरशिप घोटाले में एसआईटी के गठन से पूरे मामले की जांच सही प्रकार से होगी। यह दुर्भाग्यपूर्ण मामला है। इसमें दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी। जिन मदरसों में स्कॉलरशिप घोटाला हुआ पाया जाएगा, उसकी मान्यता रद्द की जाएगी। उनके खिलाफ वैधानिक कार्रवाई की जाएगी।मदरसा बोर्ड के अध्यक्ष ने कहा कि स्कॉलरशिप घोटाले की पूरी जांच होगी। इसमें किसी की भी संलिप्तता पाई जाती है, उसके खिलाफ मदरसा बोर्ड की ओर से एफआईआर दर्ज कराई जाएगी। ऐसे लोगों से जनता के पैसे की रिकवरी की जाएगी। उन्होंने कहा कि सीएम धामी के दिशा-निर्देश के तहत गड़बड़ी पाए जाने पर कार्रवाई में कोई संकोच नहीं किया जाएगा।जांच के घेरे में 92 संस्थाएंकेंद्र सरकार की ओर से उपलब्ध कराए गए 2021-22 और 2022-23 के आंकड़ों के अनुसार राज्य की कुल 92 शिक्षण संस्थाएं संदेह के घेरे में हैं। इन संस्थानों में से 17 के खिलाफ प्राथमिक जांच में गबन की पुष्टि हो चुकी है। कई मामलों में छात्रों की संख्या, आधार कार्ड और निवास प्रमाणपत्र जैसे दस्तावेज फर्जी पाए गए हैं।उधमसिंह नगर के सरस्वती शिशु मंदिर हाईस्कूल और रुद्रप्रयाग के वासुकेदार संस्कृत महाविद्यालय जैसे संस्थानों में गंभीर अनियमितता सामने आई है। नैनीताल, हरिद्वार समेत कई अन्य जिलों की संस्थाएं भी जांच के दायरे में हैं।फर्जी दस्तावेजों से स्कॉलरशिपघोटाले का सबसे चौंकाने वाला पहलू यह है कि कुछ विद्यालयों ने खुद को अल्पसंख्यक विद्यालय दिखाकर स्कॉलरशिप राशि हासिल की। सरस्वती शिशु मंदिर हाईस्कूल, किच्छा को मदरसा घोषित कर 154 मुस्लिम छात्रों के नाम पर स्कॉलरशिप ली गई। यह स्कूल वास्तव में अल्पसंख्यक संस्थान की श्रेणी में नहीं आता। इसके अलावा काशीपुर की नेशनल अकादमी जेएमवाईआईएचएस, मदरसा अल जामिया उल मदरिया जैसे अन्य संस्थानों की भी जांच हो रही है।ऐसे हुआ घोटाले का भंडाफोड़वर्ष 2021-22 और 2022-23 के स्कॉलरशिप आवेदनों की जांच के दौरान उधम सिंह नगर जिले के 796 छात्रों के दस्तावेज मंगवाए गए थे। इनमें से 6 मदरसों में पढ़ने वाले 456 बच्चों की जानकारी संदिग्ध पाई गई। इससे पूरे घोटाले का खुलासा हुआ। केंद्र सरकार ने सात बिंदुओं पर जांच के निर्देश दिए हैं, जिनमें फर्जी मामलों की पहचान कर संबंधित लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करना शामिल है।विशेष सचिव, अल्पसंख्यक कल्याण विभाग डॉ. पराग मधुकर धकाते को जांच की जिम्मेदारी सौंपी गई है। एसआईटी इन संस्थाओं के साथ-साथ संबंधित अधिकारियों की भूमिका की भी जांच करेगी। अब तक प्रदेश के 17 संस्थानों में अनियमितता की पुष्टि हो चुकी है। दूसरे चरण की जांच शुरू की जा रही है, जिसमें 72 कॉलेजों में पढ़ने वाले छात्रों के दस्तावेजों का फिर से सत्यापन किया जाएगा।क्या है स्कॉलरशिप योजना?केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय की ओर से चलाई जा रही योजना के तहत कक्षा 1 से 10 तक के अल्पसंख्यक छात्रों को स्कॉलरशिप दी जाती है। इससे उनकी शिक्षा और जीवनयापन में सहायता मिलती है। कक्षा 11 और उससे ऊपर के छात्रों को शिक्षण शुल्क, परीक्षा शुल्क और अन्य शैक्षणिक शुल्क की भरपाई की जाती है।