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उत्तराखंड के स्कूलों में पढ़ाई जाएगी श्रीमद्भागवत गीता, सीएम धामी ने दिए सख्त निर्देश – Uttarakhand

Shrimad Bhagwat Geeta will be taught in the schools of Uttarakhand, CM Dhami gave strict instructionsShrimad Bhagwat Geeta will be taught in the schools of Uttarakhand, CM Dhami gave strict instructionsShrimad Bhagwat Geeta will be taught in the schools of Uttarakhand, CM Dhami gave strict instructionsइस खबर को शेयर करेंLatest posts by Sapna Rani (see all)Uttarakhand News: उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था को और सशक्त बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया है. मुख्यमंत्री ने मंगलवार को कैंप कार्यालय में शिक्षा विभाग की समीक्षा बैठक के दौरान राज्य के स्कूलों में श्रीमद्भागवत गीता को पाठ्यक्रम में शामिल करने के निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि बच्चों को नैतिक और आध्यात्मिक रूप से समृद्ध करने के उद्देश्य से गीता का अध्ययन आवश्यक है.बैठक के दौरान सीएम धामी ने प्रदेश के सभी स्कूलों का मानसून शुरू होने से पहले निरीक्षण कराने के निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि स्कूलों की इमारतों, रास्तों, पुलों और अन्य मूलभूत सुविधाओं की स्थिति का गंभीरता से आकलन किया जाए, ताकि किसी भी तरह की दुर्घटना से बचा जा सके. उन्होंने शिक्षा के क्षेत्र में अगले दस वर्षों के लिए स्पष्ट योजना बनाने पर भी जोर दिया.छात्रों के लिए परिवहन सुविधा का प्रस्तावराज्य सरकार ने क्लस्टर विद्यालयों में आवासीय हॉस्टल की सुविधा उपलब्ध कराने की योजना भी बनाई है. इसके लिए अन्य राज्यों की सर्वश्रेष्ठ प्रथाओं का अध्ययन कर प्रस्ताव तैयार किया जाएगा. पहले चरण में हर जिले में एक-एक आवासीय हॉस्टल स्थापित किया जाएगा. साथ ही 559 क्लस्टर विद्यालयों के 15 किमी के दायरे में आने वाले छात्र-छात्राओं की परिवहन सुविधा के लिए भी शीघ्र प्रस्ताव मांगा गया है.मुख्यमंत्री ने छात्रों को हर साल समय पर पाठ्यपुस्तकें उपलब्ध कराने के निर्देश दिए. उन्होंने तबादला प्रक्रिया में पूर्ण पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए सभी पहलुओं पर गहन अध्ययन कर प्रस्ताव लाने को कहा. साथ ही एनसीसी और एनएसएस को बढ़ावा देने के लिए उन स्कूलों की पहचान करने के निर्देश दिए, जहां अभी यह सुविधाएं उपलब्ध नहीं हैं.शिक्षा के स्तर को बेहतर बनाने की कोशिशसीएम धामी ने कहा कि शिक्षा क्षेत्र को बेहतर बनाने के लिए सीएसआर फंड के माध्यम से औद्योगिक संस्थानों से सहयोग लिया जाए। उन्होंने इस बात पर भी विशेष बल दिया कि स्कूलों में बच्चों की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिए। किसी भी प्रकार की लापरवाही पर सख्त कार्रवाई की जाएगी. राज्य में राजीव गांधी नवोदय विद्यालयों में छात्रों की क्षमता के अनुसार प्रवेश सुनिश्चित करने के लिए प्रतीक्षा सूची बनाए जाने के निर्देश भी दिए गए हैं.इसके अलावा पाठ्यक्रम में नैतिक शिक्षा, पर्यावरणीय अध्ययन, सांस्कृतिक विरासत, महान व्यक्तित्वों की जीवनी, लोककथा, लोकसाहित्य, संगीत, कला, कौशल विकास और स्वास्थ्य शिक्षा को भी शामिल करने का निर्णय लिया गया. मुख्यमंत्री की यह पहल न केवल शिक्षा की गुणवत्ता को बेहतर बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है, बल्कि यह छात्रों को संवेदनशील, संस्कारित और ज्ञानवान नागरिक बनाने की दिशा में भी मील का पत्थर साबित हो सकती है.