Latest posts by Sapna Rani (see all)देहरादून: उत्तराखंड में मॉनसून ने कहर मचा दिया है। भारी से भारी बारिश की चपेट में पूरा प्रदेश है। बारिश के असर को देखते हुए सरकार और प्रशासन आसमानी आपदा (Uttarakhand Rain Disaster) से निपटने की कोशिशों में जुटे हैं। निचले इलाके में रहने वाले लोगों को सतर्क किया गया है। पहाड़ों पर लोगों की यात्रा को लेकर अलर्ट जारी किया गया है। भारी बारिश और भूस्खलन के कारण प्रदेश में 16 लोगों की मौत की सूचना है। वहीं, छह लोग गंभीर रूप से घायल हो गए हैं। भारी बारिश के बाद चार धाम यात्रा भी प्रभावित हुई है। ट्रेक रूट पर भीमभली के पास भूस्खलन के बाद केदारनाथ घाटी पूरी तरह से कट गई, जिससे करीब 450 लोग फंस गए। वहीं, केदारनाथ राजमार्ग सोनप्रयाग और गौरीकुंड के बीच बह गया। नतीजतन, तीर्थस्थल के लिए चार धाम यात्रा रोक दी गई है।उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी स्वयं पूरे मामले की देखरेख में जुटे हैं। सीएम कार्यालय की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है कि केदारनाथ ट्रेकिंग रूट पर कई जगहों पर भूस्खलन के कारण तीर्थयात्रियों की सुरक्षा को देखते हुए यात्रा को फिलहाल रोक दिया गया है। सूत्रों के अनुसार, भारतीय वायु सेना शुक्रवार से केदारनाथ में चल रहे बचाव अभियान में शामिल होगी। एसडीआरएफ कमांडेंट मणिकांत मिश्रा ने कहा कि केदारनाथ यात्रा मार्ग पर भीमबली, रामबाड़ा, लिनचोली में फंसे लगभग 425 लोगों को एयरलिफ्ट किया गया। सोनप्रयाग और भीमबली के बीच फंसे लगभग 1100 लोगों को वैकल्पिक मार्ग के जरिए सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया गया।एयरफोर्स की ली जाएगी मददसूत्रों का दावा है कि आपदा में फंसे लोगों को बचाने के लिए उत्तराखंड सरकार एयरफोर्स की मदद ले सकती है। लिनचोली और केदारनाथ मंदिर में फंसे लोगों को बचाने के लिए एक चिनूक और एक एमआई-17 को तैनात किए जाने का दावा किया गया है। रुद्रप्रयाग के आपदा प्रबंधन अधिकारी एनके राजवार ने कहा कि गौरीकुंड से शुरू होने वाला 16 किलोमीटर लंबा केदारनाथ ट्रेक मार्ग घोड़ा पड़ाव, लिनचोली, बड़ी लिनचोली और भीमबली में क्षतिग्रस्त हो गया है। रामबाड़ा के पास दो पुल भी कल रात बह गए। पूरी घाटी के कट जाने के बाद, राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ) की टीम ने भीमबली से आगे फंसे लोगों को बचाने के लिए खड़ी पहाड़ियों के बीच से एक किलोमीटर लंबा वैकल्पिक मार्ग बनाया।एसडीआरएफ के कमांडेंट मणिकांत मिश्रा ने कहा कि केदारनाथ यात्रा मार्ग पर भीमबली, रामबाड़ा, लिनचोली में फंसे करीब 425 लोगों को हवाई मार्ग से निकाला गया। सोनप्रयाग और भीमबली के बीच फंसे करीब 1100 लोगों को वैकल्पिक मार्ग से सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया गया। मणिकांत मिश्रा ने बताया कि अगस्तमुनि और रतुरा से एसडीआरएफ की दो टीमें भेजी गई हैं। व्यापक सर्च और बचाव अभियान के बाद एसडीआरएफ की टीम ने गुरुवार शाम केदारनाथ ट्रेक रूट पर लिनचोली से एक व्यक्ति का शव बरामद किया। यह इलाका बुधवार रात भूस्खलन की चपेट में आ गया था।15 घंटे बाद व्यक्ति को निकाला गया जिंदाउत्तराखंड में आपदा के विनाशकारी प्रभाव के बीच एक व्यक्ति को जिंदा निकाला गया है। 29 वर्षीय व्यक्ति भूस्खलन के कारण बड़े पत्थरों के नीचे दब गया था। उसे निकालने के लिए एसडीआरएफ ने 15 घंटे से अधिक समय तक बचाव अभियान चलाया। आखिरकार, उसे जिंदा निकालने में कामयाबी मिली। एसडीआरएफ के अधिकारियों ने इस पूरी घटना के बारे में जानकारी दी। बारिश से संबंधित अन्य मौतों में हरिद्वार जिले के रुड़की तहसील के डेरा बस्ती में एक मकान ढहने से चार लोगों की मौत हो गई। राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र के अनुसार, इस हादसे में छह लोग गंभीर रूप से घायल हो गए।रुड़की में एक दूसरी घटना में एक महिला सहित दो लोगों की बिजली का करंट लगने से मौके पर ही मौत हो गई। वहीं, टिहरी गढ़वाल जिले की घनसाली तहसील में बादल फटने से एक परिवार के तीन सदस्यों की मौत हो गई। दरअसल, झकनियाली में अचानक आई बाढ़ में एक होटल बह गया। इसमें होटल मालिक, 50 वर्षीय भानु प्रसाद, उनकी पत्नी, 45 वर्षीय नीलम देवी और उनके बेटे, 28 वर्षीय विपिन की मौत हो गई।चमोली के गैरसैंण तहसील के बैलचोरी में भूस्खलन की चपेट में आने से 26 वर्षीय दीपा देवी नामक महिला की मौत हो गई। उसका शव मलबे में मिला। बुधवार रात देहरादून में भारी बारिश हुई, जिसमें तीन लोगों की मौत की जानकारी सामने आई है। उनमें से दो रायपुर में बह गए। मॉनसून की स्थिति पर नजर रखने के लिए मुख्यालय स्तर पर विशेष रूप से कंट्रोल रूम से नजर रखी जा रही है।
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