ऋषिकेश,:- टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड (टीएचडीसीआईएल) को डिजिटल ट्रांसफोर्मेशन लीडरशिप की श्रेणी में प्रतिष्ठित पीएसयू लीडरशिप एण्ड एक्सीलेंस अवार्ड-2024 से सम्मानित किया गया है। डॉ. जितेंद्र सिंह, माननीय केंद्रीय राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) विज्ञान और प्रौद्योगिकी; भू.विज्ञान, एमओएस पीएमओ, पीपी/डीओपीटी, परमाणु ऊर्जा, अंतरिक्ष, (भारत सरकार) ने दी ललित, नई दिल्ली में आयोजित एक विशेष समारोह में यह पुरस्कार प्रदान किया। डॉ. सिंह ने अपने संबोधन के दौरान पीएसयू लीडरशिाप अवार्डों के सभी विजेताओं को बधाई दी और कहा कि आज के आयोजन के विजेता वर्तमान के उभरते परिदृश्य के जीवंत उदाहरण हैं, जिसमें घरेलू संस्थाएं आगे आ रही हैं और 2047 तक भारत को एक विकसित राष्ट्र बनने के अपने सपने को प्राप्त करने की दिशा में मशाल वाहक की महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं। उन्होंने भारत की परिवर्तनकारी यात्रा और इस यात्रा में सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों के महत्वपूर्ण योगदान पर भी प्रकाश डाला।
टीएचडीसीआईएल के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक, श्री आर. के. विश्नोई ने इस उल्लेखनीय उपलब्धि के लिए टीएचडीसीआईएल टीम को बधाई दी और इस सफलता का श्रेय कर्मचारियों की कड़ी मेहनत और समर्पण को दिया। उन्होंने आज के ऊर्जा परिदृश्य में डिजिटल ट्रांसफोर्मेशन की महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर दिया। टीएचडीसीआईएल हमेशा से नई नवीन और अत्याधुनिक तकनीकों को अपनाने में सबसे आगे रहा है और यह पुरस्कार इस दिशा में हमारी टीम की अटूट प्रतिबद्धता का प्रमाण है। डिजिटल ट्रांसफोर्मेशन केवल एक चलन मात्र नहीं है, बल्कि एआई के साथ मिलकर यह आज के गतिशील ऊर्जा क्षेत्र की एक महत्वपूर्ण आवश्यकता है। श्री विश्नोई ने कहा कि यह हमारी दक्षता, पारदर्शिता और सेवा की आपूर्ति को बढ़ाता है, यह सुनिश्चित करता है कि हम नवाचार में सबसे आगे रहें,” । उन्होंने कहा कि “डिजिटल ट्रांसफोर्मेशन पर हमारा ध्यान हमें परिचालन को सुव्यवस्थित करने, लागत कम करने और ग्राहक/हितधारक संतुष्टि में सुधार करने में सक्षम बनाता है। यह मान्यता सार्वजनिक क्षेत्र में उदाहरण प्रस्तुत करने के हमारे उद्देश्य की पुष्टि करती है।”
श्री विश्नोई ने आगे कहा कि टीएचडीसीआईएल की प्रमुख डिजिटल पहल, डिजिटल ट्रांसफोर्मेशन एवं पूर्ण रूप से कागज रहित कार्य वातावरण के प्रति कंपनी की प्रतिबद्धता पर जोर देती है। उन्होंने उल्लेख किया कि हाल ही में उद्घाटन किया गया ज्ञान संचय, एक ऑनलाइन शिक्षण मंच, वित्त प्रबंधन प्रक्रिया का डिजिटलीकरण, टेलीमेडिसिन पहल, टीएचडीसीआईएल की प्रमुख परियोजनाओं के ओएंडएम में महत्वपूर्ण उन्नत तकनीकी की शुरूआत टीएचडीसीआईएल की कागज रहित कार्यालय के प्रति प्रतिबद्धता को उजागर करता है। साथ ही नवीनतम तकनीकी एकीकरण सभी मानव संसाधन सेवाओं को संगठन से जुड़े अंतिम व्यक्ति की पहुंच तक लाता है। उन्नत तकनीकी शुरूआतों का लाभ उठाकर, हम सुनिश्चित करते हैं कि प्रत्येक कर्मचारी आवश्यक सेवाओं और सूचनाओं तक निर्बाध रूप से पहुँच सके, जिससे समग्र उत्पादकता और संतुष्टि बढ़े।
श्री शैलेन्द्र सिंह, निदेशक (कार्मिक) ने टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड की ओर से यह पुरस्कार प्राप्त किया। श्री सिंह ने कहा, “यह पुरस्कार प्राप्त करना टीएचडीसीआईएल में हम सभी के लिए गर्व का क्षण है। यह हमारी प्रक्रियाओं में उन्नत डिजिटल समाधानों को एकीकृत करने के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाता है। ये प्रयास न केवल हमारी परिचालन क्षमताओं को बढ़ाते हैं बल्कि राष्ट्र निर्माण में भी महत्वपूर्ण योगदान देते हैं।
श्री सिंह ने कहा कि उत्कृष्टता के साथ स्थिरता और दक्षता के हमारे लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए डिजिटल ट्रांसफोर्मेशन महत्वपूर्ण है।” टीएचडीसीआईएल के लिए यह गर्व का क्षण है कि देश भर में कड़ी प्रतिस्पर्धा के बावजूद, देश के सबसे प्रतिष्ठित शीर्ष ब्यूरोक्रेट्स और अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशकों द्वारा कड़ी, पारदर्शी और वस्तुनिष्ठ मूल्यांकन प्रक्रिया के तहत इस प्रगतिशील पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
टीएचडीसीआईएल ने जल विद्युत उत्पादन एवं नवीकरणीय ऊर्जा दोनों क्षेत्रों में देश व्यापी उल्लेखनीय उपस्थिति दर्ज की है। वर्तमान में, टीएचडीसीआईएल को केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रम (सीपीएसयू) में शेडयूल- ए मिनी रत्न श्रेणी-I का दर्जा प्राप्त है, जो वर्तमान में 1587 मेगावाट की संस्थापित परिचालन विद्युत क्षमता हासिल किए हुए है, जिसमें जल विद्युत, पवन एवं सौर ऊर्जा शामिल हैं।
भविष्य में शीघ्र ही टीएचडीसीआईएल अपने महत्वाकांक्षी 1000 मेगावाट के टिहरी पंप स्टोरेज प्लांट सहित 1444 मेगावाट जल विद्युत क्षमता के साथ अपनी क्षमताओं का विस्तार करने के लिए तैयार है। उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में 1320 मेगावाट की खुर्जा उच्च ताप विद्युत परियोजना भी विकास के अंतिम चरण में है। इसके अलावा, टीएचडीसीआईएल के पास मध्य प्रदेश के अमेलिया में परिचालित कोयला खदानें हैं, जिनका वाणिज्यिक परिचालन निर्धारित समय से छह महीने पहले शुरू हो गया है, जो एक और महत्वपूर्ण उपलब्धि है।