उत्तराखंडजीवन शैली
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देहरादून, परम पूज्य संस्कार प्रणेता ज्ञानयोगी जीवन आशा हॉस्पिटल प्रेरणाश्रोत आचार्य श्री 108 सौरभ सागर महाराज के 54वे परोपकार दिवस (जन्मदिवस) के मंगल अवसर पर परम पूज्य उपाध्याय 108 विकसंत सागर मुनिराज के मंगल सानिध्य मे दिगंबर जैन पंचायती मंदिर एव जैन भवन के मुख्य द्वार पर कढी चावल का वितरण किया गया।
पूज्य आचार्य का चातुर्मास सूरजमल विहार दिल्ली मे हों रहा है। मंगलवार को आचार्य के जन्मदिवस के अवसर पर देहरादून से भक्त गण दिल्ली महाराज के पास पहुँचे एव देहरादून मे भी सौरभ सागर सेवा समिति द्वारा परोपकार कार्य किये गये।इस अवसर पर मीडिया संयोजक मधु जैन एवम संदीप जैन ने महाराज के अवतरण दिवस पर उनको बधाई देते हुए बताया कि जैन धर्म में मुनि बनना एक बहुत साहसिक और वैराग्य पूर्ण कार्य है। हर कोई व्यक्ति मुनि नहीं बन सकता। जैन दर्शन में मुनियों के आचार- विचार और दिनचर्या पर बहुत ही स्पष्ट और सख्त नियम बनाए हैं।प्रचार प्रसार का मुख्य उद्देश्य है कि इस श्रृंखला के जरिए पाठक जान सकें कि जैन धर्म जीवन जीने की कला है। यह अध्यात्म और विज्ञान पर आधारित जीवन मार्ग है और इनके बारे में पढ़कर लोग धर्म की राह पर चल सकें।
इस अवसर पर संदीप जैन, सचिन जैन, अमित जैन, अजित जैन, दीपक जैन, राजीव जैन, अंकुर जैन, सुनैना जैन, सिम्मी जैन, पूनम जैन,संगीता जैन, नवीन जैन सुरेंद्र पानी वाले आदि उपस्थित रहे।
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