उत्तराखंड
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देहरादून, उत्तराखंड़ इनोवेशन फेस्टिवल-2024 के आयोजन से सम्बंधित पोस्टर लॉचिंग कार्यक्रम कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल एवं राजेन्द्र डोभाल उप-कुलपति स्वामी राम हिमालयन विश्वविद्यालय, पराग मधुकर धकाते (आईएफएस) सदस्य सचिव उत्तराखंड प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, संजीवन सुंठा, विनोद सुयाल विक्रम सिंह रावत तथा अंकित सेमवाल सदस्य लक्ष्य सोसाईटी अन्य गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति में सम्पन्न हुआ।इस आयोजन का मुख्य उद्देश्य ऐसे नवाचार को बढ़ावा देना है जो पर्यावरण अनुकूलता की ओर ले जाए के साथ चक्रीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देना। वहीं स्टार्ट अप का समर्थन करना और उद्यमिता पारिस्थितिकी तंत्र को विकसित करना भी है। प्रौद्योगिकी में विकास और इसकी सुलभता और आर्थिक विकास में वृद्धि के साथ स्वास्थ्य में सुधार आदि क्षेत्रों में इनोवेटर्स को कॉरपोरेट सेक्टर और इनक्यूबेटर्स के साथ जुड़ने के लिए एक मंच प्रदान करना।शैक्षिक और जागरूकता सोसायटी द्वारा उत्तराखंड प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (यूकेपीसीबी) के तत्वावधान में सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (एमएसएमई), सूचना प्रौद्योगिकी विकास प्राधिकरण (आईटीडीए) और उत्तराखंड कौशल विकास सोसायटी तथा भागीदार स्वामी राम हिमालयन विश्वविद्यालय, जॉली ग्रांट के सहयोग से 13-14 दिसम्बर, 2024 को इस आयोजन किया जाना प्रस्तावित है।कार्यक्रम में उत्तराखण्ड राज्य के समस्त जनपदों के साथ निकट राज्यों के नवाचारों को आमांत्रित किया जायेगा l इस आयोजन में उद्योग, कॉर्पोरेट, इनक्यूबेटर, विज्ञान और प्रौद्योगिकी संस्थान, विश्वविद्यालय, इंटरमीडिएट शिक्षा और एनजीओ आदि क्षेत्रों से सकारात्मक प्रस्तावों के लिये सार्थक पहल की जायेगी lउक्त प्रस्तावित दो दिवसीयउत्तराखंड़ इनोवेशन फेस्टिवलमें राज्य भर के विश्वविद्यालयों, संस्थानों, इंजीनियरिंग कॉलेजों, इंटरमीडिएट कॉलेजों के साथ-साथ कॉर्पोरेट क्षेत्रों और सामाजिक उपक्रमों से लगभग 500 से अधिक नवाचार और 5000 से अधिक प्रतिभागियों के अपने नवाचारों, मॉडलों का प्रदर्शन हेतु प्रतिभाग किये जाने की संभावना है।
कार्यक्रम के पोस्ट विमोचन के अवसर पर प्रदेश के तकनीकी शिक्षा मंत्री सुबोध उनियाल ने समाज में नवाचारों की भूमिका और योगदान एवं महत्व के बारे में बताया। कार्यक्रम में डा. राजेन्द्र डोभाल, कुलपति स्वामी रामा हिमालयन विश्वविद्यालय द्वारा उक्त कार्यक्रम के आयोजन के संबंध में विस्तार पूर्वक बताया गया।कार्यक्रम में डॉ. पराग मधुकर धकाते, सदस्य सचिव उत्तराखण्ड़ प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा बताया गया कि राज्य में ऐसे नवाचारों को बढ़ावा देने में प्रदूषण बोर्ड समर्थन करता है जो पर्यावरण संरक्षण को ध्यान में रख कर किये जा रहे हैं।
*इन श्रेणी में सर्वश्रेष्ठ 6 नवाचारों को कार्यक्रम से आमंत्रित किया जाएगा :*
-पर्यावरण संरक्षण/ई-कचरा और अन्य अपशिष्ट प्रबंधन से संबंधित प्रौद्योगिकी-सतत भविष्य के लिए पर्यावरण अनुकूल स्मार्ट भवन-नवीकरणीय/जल विद्युत/स्स्थायी ऊर्जा और कुशल उपयोग और बाजार की संभावनाएँ-स्मार्ट कृषि उपकरण और तकनीकें और पशुपालन-आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की भूमिका और संभावनाएँ-मेडिकल इंजीनियरिंग में उन्नति-पर्यावरण संरक्षण से संबंधित प्रौद्योगिकियों-आपदा निगरानी, मॉनिटरिंग / पूर्व चेतावनी प्रणाली आदि-खाद्य और पेय उद्योग में विकास-पारंपरिक ज्ञान को आधुनिक नवाचार में बदलना-पर्यटन और आतिथ्य उद्योग में
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