There is a ruckus in BJP regarding the civic elections in Uttarakhand, somewhere there is competition among the contenders and somewhere there are questions on the candidate selection processइस खबर को शेयर करेंLatest posts by Sapna Rani (see all)देहरादून : उत्तराखंड में निकाय चुनाव को लेकर सरगर्मियां तेज हैं. आरक्षण सूची जारी होने के बाद भाजपा के नेताओं में देखी गई नाराजगी के अलावा अब दावेदारों की होड़ भी पार्टी के लिए नई चुनौती बनती जा रही है. भाजपा में प्रत्याशी चयन की प्रक्रिया किस तरह से चल रही है, आपको बताते हैं. निकाय चुनाव को लेकर भाजपा में घमासान: उत्तराखंड में किसी भी समय निकाय चुनाव का बिगुल बज सकता है. वहीं निकाय चुनाव की अधिसूचना जारी होने से पहले की प्रक्रिया में आरक्षण की सूची जारी हो चुकी है. इसके जारी होते ही सियासी घमासान भी देखने को मिल रहा है. एक तरफ दावेदारी की दौड़ से बाहर हुए तमाम लोगों ने आरक्षण की सूची पर आपत्ति दर्ज की है. दूसरी तरफ यह आपत्ति केवल विभाग में ही नहीं, बल्कि हाईकोर्ट तक जा चुकी है.दावेदारों की भीड़ तो प्रत्याशी चयन पर बवाल: हालांकि इन आपत्तियों से कुछ हासिल होगा, यह कह पाना बेहद मुश्किल है. ऐसा इसलिए क्योंकि जब तक विभाग में आपत्ति देने की प्रक्रिया जारी है, तब तक हाईकोर्ट कह सकता है कि इस मामले को इसलिए नहीं सुना जाएगा क्योंकि आपत्ति विभाग के जरिए की जाएगी. वहीं विभाग में आपत्ति दिए जाने की तिथि खत्म होने के बाद से लेकर अधिसूचना जारी होने तक में क्या हाईकोर्ट जाने का वक्त मिलता है, यह अपने आप में बड़ा सवाल है. यानी साफ लग रहा है कि आरक्षण की यह सूची बमुश्किल ही बदली जाएगी. जहां तक बात आपत्तियों की है, तो आपत्ति दर्ज करने की तिथि खत्म होते ही हो सकता है कि निकाय चुनाव की अधिसूचना जारी कर दी जाए. उसके बाद कोर्ट में यह मामले नहीं सुने जाएंगे.निकाय चुनाव को लेकर प्रत्याशी चयन की स्क्रीनिंग जारी: इस पूरे मामले पर भाजपा के प्रदेश महामंत्री आदित्य कोठारी ने बताया कि भारतीय जनता पार्टी निकाय चुनाव को लेकर पूरी तरह से तैयार है. चुनाव को लेकर पार्टी ने प्रत्याशी चयन की प्रक्रिया शुरू कर ली है. उन्होंने बताया कि प्रदेश में प्रत्याशियों के चयन को लेकर राय शुमारी का दौर जारी है. आदित्य कोठारी ने बताया कि जनता के बीच में कौन लोकप्रिय हैं, इसको लेकर इन दिनों स्क्रीनिंग चल रही है.नगर निगमों के लिए पर्यवेक्षकों की समिति: इसके लिए पार्टी ने सभी नगर निगम के लिए तीन-तीन लोगों की एक कमेटी पर्यवेक्षकों के तौर पर गठित की है. इसके अलावा पार्टी के 19 संगठनात्मक जिलों में भी जितने भी नगर निकाय हैं, सभी के लिए एक कमेटी गठित की है. इस तरह से 11 नगर निगम के लिए 11 कमेटियां पर्यवेक्षकों की नियुक्ति गई हैं. बाकी 19 संगठनात्मक जिलों के लिए 15 कमेटी बनाई गई हैं. इस तरह से पूरी एक्सरसाइज करके 21 तारीख तक प्रत्याशियों के चयन की सूची प्रदेश नेतृत्व को पर्यवेक्षकों द्वारा सौंप दी जाएगी.अनुशासन समिति की दरकार: उत्तराखंड में जिस तरह से चुनाव का दौर इस वक्त चल रहा है और प्रदेश में सबसे बड़ी पार्टी भाजपा में इस वक्त प्रदेश के 70 फीसदी से ज्यादा नेता शामिल हैं, ऐसे में हर किसी को चुनाव लड़ने की महत्वाकांक्षा है. इसी को देखते हुए जहां एक तरफ आरक्षण सूची जारी होती ही भाजपा के ही लोगों में असंतोष देखने को मिला, तो वहीं आप प्रत्याशी चयन के बाद भी भारतीय जनता पार्टी में कार्यकर्ताओं में काफी असंतोष देखने को मिल सकता है.क्या एक्शन लेगी अनुशासन समिति: हालांकि चुनाव के दौरान कार्यकर्ताओं द्वारा दिए जाने वाले विवादित बयानों और तमाम तरह की अनुशासनहीनता के लिए भारतीय जनता पार्टी वैसे तो प्रदेश स्तर पर काफी सख्त नजर आती है, लेकिन पार्टी द्वारा संरचनात्मक रूप से बनाई गई अनुशासन समिति का कहीं रोल देखने को नहीं मिलता है. ऐसे में क्या निकाय चुनाव से पहले जिस तरह से तमाम विवादित बयान नेताओं की तरफ से आ रहे हैं, भारतीय जनता पार्टी की अनुशासन समिति उस पर एक्शन लेगी, यह भी अपने आप में बड़ा सवाल है.
उत्तराखंड में निकाय चुनाव को लेकर BJP में घमासान, कहीं दावेदारों की होड़ तो कहीं प्रत्याशी चयन प्रक्रिया पर सवाल – Uttarakhand
