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उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता लागू, 5 पॉइंट में समझिए आपके जीवन में UCC से क्या बदलेगा – Uttarakhand

Uniform Civil Code implemented in Uttarakhand, understand in 5 points what will change in your life with UCCUniform Civil Code implemented in Uttarakhand, understand in 5 points what will change in your life with UCCUniform Civil Code implemented in Uttarakhand, understand in 5 points what will change in your life with UCCइस खबर को शेयर करेंLatest posts by Sapna Rani (see all)देहरादून: उत्तराखंड में सोमवार से समान नागरिक संहिता लागू कर दी गई। इस प्रकार स्वतंत्र भारत में इस तरह का कानून लागू करने वाला पहला राज्य उत्तराखंड बन गया है। राज्य के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि सरकार ने कानून को लागू करने के लिए सभी तैयारियां पूरी कर ली हैं। सीएम धामी ने प्रदेश में समान नागरिक संहिता लागू किए जाने की घोषणा करते हुए कहा कि हमने जो कहा, वो किया। पीएम नरेंद्र मोदी के कुशल नेतृत्व एवं केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के मार्गदर्शन में हमारी सरकार ने आज उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता (UCC) लागू कर दिया है।सीएम धामी ने कहा कि आज का दिन उत्तराखंडवासियों के साथ ही समस्त देशवासियों के लिए भी विशेष है। मुझे विश्वास है कि उत्तराखंड से निकली समानता की यह धारा निकट भविष्य में संपूर्ण देश को अभिसिंचित करेगी। सीएम ने कहा कि हमने दिनांक 12 फरवरी 2022 को देवतुल्य जनता के समक्ष यह वादा किया था कि हम प्रदेश के सभी नागरिकों को समान अधिकार देंगे। देवतुल्य जनता ने हम पर विश्वास व्यक्त करते हुए हमें पूर्ण बहुमत दिया। आज प्रदेश में यूसीसी लागू किया जाना जनता के समक्ष लिए गए संकल्प को सिद्धि तक पहुंचाने में हमारी प्रतिबद्धता को परिलक्षित करता है।यूसीसी के मुख्य प्रावधान:1. सभी के लिए समान नियम:यूसीसी लागू होने के बाद शादी, तलाक, उत्तराधिकार और विरासत के नियम सभी धर्मों और समुदायों के लिए समान होंगे। इससे हलाला जैसी कुप्रथाओं का अंत होगा और महिलाओं को समान अधिकार सुनिश्चित किए जाएंगे।2. विवाह और लिव-इन संबंधों का पंजीकरण:विवाह और लिव-इन रिलेशनशिप का पंजीकरण अनिवार्य होगा।बिना पंजीकरण के लिव-इन संबंध एक महीने से अधिक चलने पर तीन महीने की कैद या 10,000 रुपये जुर्माने का प्रावधान है।विवाह पंजीकरण न होने पर 25,000 रुपये जुर्माना का प्रावधान किया गया है।3. डिजिटल पोर्टल की व्यवस्था:विवाह और लिव-इन संबंधों का पंजीकरण ऑनलाइन करने के लिए एक डिजिटल पोर्टल उपलब्ध कराया गया है।बच्चों के जन्म प्रमाणपत्र सात दिनों के भीतर पोर्टल पर अपलोड करना होगा।4. द्विविवाह और बहुविवाह पर प्रतिबंध:यूसीसी के तहत एक पत्नीत्व को सुनिश्चित किया गया है। विवाह के समय किसी व्यक्ति का अन्य जीवनसाथी जीवित नहीं हो सकता है।5. उत्तराधिकार और विरासत:वसीयतनामे में पारदर्शिता बढ़ाने के लिए आधार आधारित दस्तावेजीकरण और गवाहों की वीडियो रिकॉर्डिंग अनिवार्य किया गया है।लड़कियों और लड़कों को उत्तराधिकार में समान अधिकार मिल गया है।महिलाओं को मिला अधिकार, न्यायउत्तराखंड सरकार के इस निर्णय को महिलाओं को समान अधिकार दिए जाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। हलाला जैसी प्रथाओं को समाप्त करने और लड़कियों को समान विरासत अधिकार देने के प्रावधानों को महिला सशक्तिकरण और समानता की दिशा में ऐतिहासिक कदम माना जा रहा है। यूसीसी लागू करने के लिए अधिकारियों को प्रशिक्षित किया गया है और अधिनियम के कार्यान्वयन के लिए नियमों को मंजूरी दी गई है। यह कदम राज्य को समता और न्याय की ओर अग्रसर करेगा।aसीएम धामी ने दिया संदेशसीएम धामी ने कहा कि यूसीसी से प्रदेश की सभी महिलाओं को एक समान अधिकार मिल गया है। बहु विवाह, हलाला जैसी कुप्रथाओं पर रोक लगेगी। शादी और तलाक का सर्टिफिकेट लेना होगा। प्रदेश में यूसीसी लागू होने के बाद पोर्टल के जरिए सीएम धामी ने अपनी शादी का सर्टिफिकेट लिया। उन्होंने कहा कि प्रदेश में समान नागरिक संहिता लागू करने के बाद UCC पोर्टल पर अपने विवाह का पंजीकरण कर सर्टिफिकेट प्राप्त किया। जनमानस को ध्यान में रखते हुए पोर्टल को यूजर फ्रेंडली बनाया गया है, ताकि कोई भी नागरिक बिना किसी कठिनाई के पंजीकरण कर सके और शीघ्र अपना प्रमाण पत्र प्राप्त कर सके।