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उबल रहा उत्तराखंड: उत्तरकाशी में मस्जिदों और मुस्लिमों के खिलाफ क्यों खड़ी हो रही जनता – Uttarakhand myuttarakhandnews.com

Latest posts by Sapna Rani (see all)देहरादून: उत्तराखंड में लगातार महिलाओं, लड़कियों के साथ हो रही छेड़छाड़ और दुष्कर्म के अलावा चोरी-लूटपाट घटनाओं से लोगों में आक्रोश है। उत्तरकाशी में मुस्लिम समुदाय के खिलाफ प्रदर्शन किया गया। प्रदर्शनकारियों ने एक मस्जिद और मुस्लिम बस्ती को गिराने की मांग की। चमोली जिले के नंदानगर में हालिया सांप्रदायिक अशांति के बीच उत्तरकाशी शहर में एक विरोध रैली आयोजित की गई। प्रदर्शनकारियों ने मस्जिद और मुस्लिम कॉलोनी को ध्वस्त करने की मांग की। मस्जिद 1969 में पंजीकृत हुई थी। उत्तरकाशी में प्रदर्शनकारियों ने धार्मिक झंडे लहराए और नारे लगाए। पुलिस ने मामले की जांच का आश्वासन दिया है।इस बीच, सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि उत्तराखंड के शांतिपूर्ण माहौल को बिगाड़ने वाले आपराधिक तत्वों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। देवभूमि उत्तराखंड के लोग शान्तिप्रिय हैं। यदि आपराधिक प्रवृत्ति के लोग यहां आकर शांत वादियों में अशांति फैलाएंगे और कानून व्यवस्था बिगाड़ने का प्रयास करेंगे तो देवभूमि में इसको बिलकुल बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। ऐसे आपराधिक तत्वों को चिह्नित करने के लिए वृहद सत्यापन अभियान चलाया जा रहा है। कानून अपना काम करेगा। अपराधियों के साथ हम सख्ती से निपटेंगे।मस्जिद कॉलोनी के निवासियों ने बताया कि उनके परिवार आठ दशकों से भी ज्यादा समय से शांति और सद्भाव के साथ यहां रह रहे हैं। उन्होंने इस अचानक हुए प्रदर्शन पर हैरानी जताई और कहा कि नंदानगर या पुरोला की तरह यहां कोई आपराधिक घटना नहीं हुई थी, जिसके कारण ऐसा प्रदर्शन किया जाता। निवासियों ने यह भी बताया कि जिस मस्जिद को अवैध बताकर गिराने की मांग की जा रही है, वह 1969 में पंजीकृत है और उसमें 700 लोग एकसाथ आ सकते हैं। इस घटना से डरे हुए मुस्लिम परिवारों ने अपनी सुरक्षा की मांग को लेकर एसपी से मुलाकात की है। पिछले तीन दशकों से मुस्लिम परिवारों के साथ रह रहे अनुज सोनी ने भी इस प्रदर्शन को हैरान करने वाला बताया। उन्होंने कहा कि वे सभी आपस में मिल-जुलकर रहते हैं और उन्हें नहीं पता कि ये प्रदर्शनकारी कौन थे।बाहरी लोगों पर स्‍थानीय समाज की चिंता से सहमत, पर ऐसे पोस्‍टर ठीक नहीं, रुद्रप्रयाग पर बोले GDPउत्तरकाशी के एसपी अमित श्रीवास्तव ने कहा कि वह मामले की जांच कराएंगे और उचित कानूनी कार्रवाई करेंगे। उन्होंने कहा कि किसी को भी कानून हाथ में लेने की इजाजत नहीं दी जाएगी। इस बीच, राज्य में पिछले कुछ महीनों में हो रही सांप्रदायिक अशांति की घटनाओं के मद्देनजर मुस्लिम सेवा संगठन ने हाई कोर्ट में जाने का फैसला किया है। संगठन ने हाई कोर्ट से अल्पसंख्यक अधिकारों की रक्षा की अपील की है।मस्जिद कॉलोनी के एक निवासी ने कहा कि करीब 15 मुस्लिम परिवार आठ दशकों से भी ज्यादा समय से इस कॉलोनी में रह रहे हैं। परिवारों की 7-8 पीढ़ियां यहां शांति और सद्भाव के साथ अपना जीवन बिता चुकी हैं। इस तरह की रैली निकालने का कोई कारण नहीं था। यह नंदानगर या पुरोला की रैलियों जैसी नहीं थी, जहां पहले कोई आपराधिक घटना हुई हो। साथ ही, जिस मस्जिद को वे अवैध बताकर उसे गिराने की मांग कर रहे हैं, वह 1969 में सभी कानूनी दस्तावेजों के साथ पंजीकृत है और इसमें लगभग 700 लोगों के बैठने की क्षमता है। इस अचानक हुई घटना से हम सभी डरे हुए हैं और अपनी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सोमवार को एसपी से मिले हैं।”