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घुमक्कड़ी बोले, स्वर्ग है अपना उत्तराखंड

राकेष बिजलवाण, वरिष्ठ पत्रकार
ऋषिकेष में हुआ देष भर के 200 यात्राप्रेमियों का स्वर्णिम मिलन समारोह
एक-दूसरे के राज्यों के पर्यटन को बढ़ावा देने का लिया संकल्प
देहरादून। यदि समाज अपने अधिकारों के साथ-साथ कर्तव्यों को लेकर भी सजग हो तो प्रदेष और देष तेजी से विकास की पटरी पर दौड़ सकता है। कुछ ऐसा ही प्रयास ऋषिकेष में देषभर से जुटे घुमक्कड़ियों ने किया। इन घुमक्कड़ियों ने तय किया है कि वह अपने स्तर पर अपने-अपने प्रदेष के पयर्टन स्थलों का प्रचार-प्रसार करेंगे। ऋषिकेष पहुंचे इन सैलानियों का कहना है कि उत्तराखंड धरती का स्वर्ग है। तीर्थनगरी ऋषिकेष में देष के कोने-कोने से आये यात्रा प्रेमी जुटे। अलग-अलग राज्यों से आये यात्रा प्रेमियों ने एक-दूसरे से अपनी संस्कृति, खान-पान, पर्यटन स्थलों के साथ ही अपने यात्रा अनुभव को साझा किया। इस दौरान सभी यात्रा प्रेमियों ने उत्तराखंड को धरती का स्वर्ग बताते हुए यहां के खान-पान, लोकसंस्कृति की सराहना की।

तीर्थनगरी ऋषिकेष में यात्रा प्रेमी ग्रुप के संयोजक संजीव अग्रवाल उर्फ ओषो संजू और उनकी धर्मपत्नी विधु गौतम द्वारा यात्रा प्रेमियों के लिए कार्यक्रम का आयोजन किया गया । ऋषिकेष मोहन चट्टी के पास स्थित सुखम रासा रीवर रिसोर्ट में आयोजित हुए इस कार्यक्रम में देष के विभिन्न राज्यों से आये लगभग 200 से अधिक यात्रा प्रेमियों ने षिरकत की। कार्यक्रम का आयोजन उत्तराखंड की संस्कृति, सभ्यता, से रूबरू कराने के साथ ही ग्रुप में यात्रा प्रेमियों की संख्या 50 हजार पार होने के उपलक्ष्य में किया गया।

होमस्टे में रुकेंगे घुमक्कड़ीकार्यक्रम का संचालन घुमक्कड़ी और विचार एक नई सोच के संपादक राकेष बिजलवाण ने किया। यात्रा प्रेमियों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा अब तक वह आधा दर्जन से अधिक विदेषी शहरों के साथ ही देष के 200 से अधिक शहरों की यात्रा कर चुके हैं। उन्होंने कहा कि यात्राएं जीवन को तरो-ताजा बनाती हैं। संपादक राकेष बिजलवाण ने सभी यात्रा प्रेमियों से आग्रह किया कि उत्तराखंड में घूमना हो तो होटलों और गेस्ट हाउसों को छोड़कर आप होम स्टे में रुकें। राज्य में स्थापित होम स्टे यहां के स्थानीय युवाओं द्वारा संचालित किये जा रहे हैं। होम स्टे में रुकने की पहल से पलायन रोकने में मद्द मिलती है। इसके साथ ही उत्तराखंड की भाषा संस्कृति व खानपान को करीब से जानने का मौका भी मिलेगा। उनके इस कथन को यात्रा प्रेमियों द्वारा सराहा गया। और उन्हें उत्तराखंड में स्थापित होमस्टे की सूची मुहैया कराने की जिम्मेदारी सौंपी गई।

वरिष्ठ पत्रकार राकेष बिजलवाण ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा सफर यानी यात्रा जीवन भी एक अनोखा सफर है। किसी न किसी मंजिल की तलाश में हम सब सफर में हैं। यात्रा जीवन में बहुत सी चीजें सीखने का एक अद्भुत तरीका है। दुनिया भर में बहुत सारे लोग हर साल कई जगहों की यात्रा करते हैं। इसके अलावा, इंसानों के लिए यात्रा करना भी महत्वपूर्ण है। कुछ लोग अधिक जानने के लिए यात्रा करते हैं जबकि कुछ लोग अपने जीवन से विश्राम लेने के लिए यात्रा करते हैं। कारण चाहे जो भी हो, यात्रा हमारे लिए अपनी कल्पना से परे की दुनिया का पता लगाने और कई चीजों में शामिल होने का एक बड़ा द्वार खोलती है।

उन्होंने कहा स्वामी विवेकानंद, राष्ट्रपिता महात्मा गांधी, पंडित राहुल सांकृत्यानन जिनकी यात्रायें हमारे सामने आज भी जीवित हैं जिनसे बहुत कुछ सीखने को मिलता है जो हमारे प्रेरणासोत्र हैं। जिनकी यात्राओं से हमें सीखने को मिलता है कि उठो जागो और तब तक मत रूको जब तक लक्ष्य की प्राप्ति न हो जाये। वरिष्ठ पत्रकार राकेष बिजलवाण ने यात्रा प्रेमियों से अपने अनुभव साझा करते हुए कहा कि एक और महत्वपूर्ण बात जो हम यात्रा करते समय सीखते हैं वह है नए कौशल सीखना।

उन्होंने कहा कि जब आप पहाड़ी इलाकों में जाते हैं, तो सबसे अधिक संभावना है कि आप ट्रैकिंग करेंगे और इस प्रकार, ट्रैकिंग आपकी सूची में एक नया कौशल जुड़ जाएगा। इसी तरह, यात्रा के दौरान स्कूबा डाइविंग या और भी बहुत कुछ सीखा जा सकता है। एक बहुत ही महत्वपूर्ण चीज़ जो यात्रा हमें सिखाती है वह है प्रकृति का आनंद लेना। यह हमें पृथ्वी की वास्तविक सुंदरता की सराहना करने में मदद करता है।

यात्रा प्रेमी ग्रुप की संख्या पहुंची 50 हजार कार्यक्रम की अध्यक्षता यात्रा प्रेमी ग्रुप के संयोजक संजीव अग्रवाल उर्फ ओषो संजू द्वारा की गई। उन्होंने देषभर से कार्यक्रम में पधारे सभी यात्रा प्रेमियों को बधाई व शुभकामनायें दीं। उन्होंने कहा इस ग्रुप को बनाने का मकसद देषभर के पर्यटन स्थलों, वहां की संस्कृति, सभ्यता, खान-पान से रूबरू कराना है। उन्होंने कहा जब उन्होंने और उनकी पत्नी विधु गौतम ने इसकी शुरूआत की थी तो उन्होंने भी नहीं सोचा था कि इतनी जल्दी महज दो साल में इस यात्रा प्रेमी ग्रुप में जुड़ने वाले सदस्यों की संख्या 50 हजार के पार पहुंच जायेगी। संजीव अग्रवाल उर्फ ओषो संजू मूल रूप से ऋषिकेष के रहने वाले हैं। इस मौके पर पधारे यात्रा प्रेमियों को स्मृति चिन्ह दिये गये। उन्होंने कहा सभी यात्रा प्रेमी सकारात्मक संदेष लेकर गये हैं।

जब भी अवसर मिले यात्रा पर निकल पड़ेंकार्यक्रम में यात्रा प्रेमियों को संबोधित करते हुए विधु गौतम ने कहा यात्रा करने के बहुत सारे कारण हैं। कुछ लोग मनोरंजन के लिए यात्रा करते हैं तो कुछ शिक्षा के उद्देश्य से। इसी तरह, दूसरों के पास यात्रा करने के व्यावसायिक कारण होते हैं। यात्रा करने के लिए सबसे पहले अपनी वित्तीय स्थिति का अंदाजा लगाना चाहिए और फिर आगे बढ़ना चाहिए। अपनी वास्तविकता को समझने से लोगों को यात्रा के बारे में अच्छे निर्णय लेने में मदद मिलती है। यदि लोगों को यात्रा करने के पर्याप्त अवसर मिले तो वे यात्रा पर निकल पड़ते हैं। शैक्षिक दौरों पर जाने वाले लोगों को पाठ में पढ़ी गई हर चीज़ का प्रत्यक्ष अनुभव मिलता है। इसी तरह, जो लोग मौज-मस्ती के लिए यात्रा करते हैं उन्हें तरोताजा करने वाली चीजों का अनुभव और आनंद मिलता है जो उनके जीवन में तनाव कम करने वाले के रूप में काम कर सकता है। जगह की संस्कृति, वास्तुकला, भोजन और बहुत कुछ हमारे दिमाग को नई चीजों के लिए खोल सकता है।

यात्रा करने के होते हैं कई फायदेयात्रा प्रेमी संजय राबिन ने यात्रा प्रेमियों से अपने अनुभव साझा करते हुए कहा कि अगर हम इसके बारे में सोचें तो यात्रा करने के कई फायदे हैं। पहला, हमें नए लोगों से मिलना होता है। जब आप नए लोगों से मिलते हैं तो आपको नए दोस्त बनाने का अवसर मिलता है। यह कोई सहयात्री या स्थानीय व्यक्ति हो सकता है जिससे आपने दिशा-निर्देश मांगे हों। इसके अलावा, नए युग की तकनीक ने उनके साथ संपर्क में रहना आसान बना दिया है।

इस प्रकार, यह न केवल मानव स्वभाव को समझने का एक शानदार तरीका प्रदान करता है बल्कि आपकी यात्रा को आसान बनाने के लिए उन दोस्तों के साथ नई जगहों का पता लगाने का भी एक शानदार तरीका है। इस लाभ के समान, यात्रा से लोगों को समझना आसान हो जाता है। आप सीखेंगे कि दूसरे लोग कैसे खाते हैं, बोलते हैं, रहते हैं और भी बहुत कुछ। जब आप अपने आराम क्षेत्र से बाहर निकलेंगे, तो आप अन्य संस्कृतियों और लोगों के प्रति अधिक संवेदनशील हो जायेंगे।

नई चीजें सिखाती हैं यात्रायेंयात्रा प्रेमियों ने अपने-अपने अनुभवों को साझा करते हुए कहा कि कुल मिलाकर, यात्रा कर पाना किसी वरदान से कम नहीं है। बहुत से लोगों को ऐसा करने का विशेषाधिकार प्राप्त नहीं है। जिन लोगों को मौका मिलता है, यह उनके जीवन में उत्साह लाता है और उन्हें नई चीजें सिखाता है। इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि यात्रा का अनुभव कैसा भी हो, चाहे अच्छा हो या बुरा, यह निश्चित रूप से आपको सीखने में मदद करेगा।

इस मौके पर सुमित सैनी, लक्ष्मीकांत भारद्वाज, जानवी पांडेय, स्नेहा वाडेकर, पल्लवी गुप्ता, जतिन विन्नी, राघवेंद्र पांडये, रूद्रांष केदारी,रतन भगवान, ब्रिजेष कुमार, गरिमा गंगवार, बातूनी चिड़िया, नीरज रौठार, मनोज कंचन, ब्रहमांनद शर्मा, राहुल गणेषिया, पिंकल गुसाईं, संदीप बालियान, मनोज गोयल, रमन जौहर, डॉक्टर रंजन पराषर, धीरज कुमार शाह, अषोक ग्रोवर, रविन्द्र कुलकर्णी, शौर्यभान यादव, राजेन्द्र वषिष्ठ, जयंत घोष, प्रताप चौहान, राजेष सोनी, इंजीनियर आषीष कुमार शुक्ला, विपिन पंत, कार्तिक अग्रवाल, घूमो फिरो ट्रैवल सहित सभी यात्रा प्रेमी सदस्यों का दिल से आभार जिनके नाम शामिल नहीं कर पाये।