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उत्तराखंड में बिना अनुमति के लिव-इन रिलेशनशिप में रहने पर क्या होगी सजा? – Uttarakhand

What will be the punishment for living in a live-in relationship without permission in Uttarakhand?What will be the punishment for living in a live-in relationship without permission in Uttarakhand?What will be the punishment for living in a live-in relationship without permission in Uttarakhand?इस खबर को शेयर करेंLatest posts by Sapna Rani (see all)देहरादून | उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता (UCC) आज से लागू हो रहा है जिसके के बाद लिव-इन रिलेशनशिप में रह रहे लोगों को अपने रिलेशनशिप के बारे में जानकारी शेयर करनी पड़ेगी। उसके लिए UCC पोर्टल पर पंजीकरण करवाना पड़ेगा। कोई कपल बिना जानकारी दिए एक महीने से ज्यादा समय तक लिव-इन रिलेशनशिप में रहता है, तो उसे सजा मिल सकती है।क्या कहता है नया कानून?मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, अगर किसी जोड़े ने लिव-इन रिलेशनशिप के बारे में सरकार को सूचना नहीं दी और इसके बावजूद वे एक महीने से अधिक समय तक साथ रहते हैं, तो उन्हें सजा का सामना करना पड़ सकता है। इस मामले में, अगर कोई शिकायत मिलती है या अधिकारियों को इस बारे में जानकारी मिलती है, तो रजिस्ट्रार उन्हें 30 दिन के भीतर सूचना देने का नोटिस जारी कर सकता है।क्या होगा सजा का प्रावधान?लिव-इन रिलेशनशिप में बिना अनुमति के रहने पर जुर्माना या सजा हो सकती है। अगर कोई जोड़ा जानकारी नहीं देता है तो उसे तीन महीने तक की सजा हो सकती है या 10,000 रुपये तक का जुर्माना, या दोनों सजा एक साथ मिल सकती है! इसके अलावा, यदि कोई व्यक्ति इस संबंध के बारे में गलत बयान देता है या जानकारी छुपाता है, तो उसे 25,000 रुपये तक जुर्माना या तीन महीने की सजा, या दोनों सजा मिल सकती है!UCC से और भी महत्वपूर्ण बदलावतलाक और विवाह संबंधी प्रक्रियाएं: तलाक लेने के लिए कोर्ट की मंजूरी आवश्यक होगी और विवाह तोड़ने पर 60 दिन के भीतर पोर्टल पर सूचना देनी होगी।लिव-इन में पंजीकरण: लिव-इन में रहने वाले व्यक्तियों को एक माह के भीतर पंजीकरण करवाना होगा।गवाह की आवश्यकता: उत्तराधिकारी बनने के लिए गवाह की आवश्यकता होगी।इसके अलावा, पंचायत, पालिका और निगम स्तर पर उप रजिस्ट्रार और रजिस्ट्रार नियुक्त किए जाएंगे।भाजपा शासित राज्यों में यूसीसी का विस्तारकेंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने हाल ही में कहा था कि भाजपा शासित सभी राज्यों में यूसीसी लागू किया जाएगा। इसके बाद उत्तराखंड में हलाला, बहुविवाह और अन्य प्रथाएं समाप्त हो जाएंगी।