Why are so many horses and mules suddenly dying in Kedarnath, ban for 24 hoursइस खबर को शेयर करेंLatest posts by Sapna Rani (see all)रुद्रप्रयाग: Chardham Yatra: गंगोत्री और यमुनोत्री धामों के कपाट 30 अप्रैल को खुलने के साथ ही उत्तराखंड चारधाम यात्रा का विधिवत शुभारंभ हो गया है, जबकि 2 मई को केदारनाथ धाम के कपाट खुले हैं। इसी के बीच केदारनाथ धाम से बड़ी खबर सामने आई है। केदारनाथ यात्रा में घोड़ों और खच्चरों के इस्तेमाल पर रोक लगा दी गई।एएनआई रिपोर्ट के अनुसार, घोड़ों और खच्चरों की मौत के बाद सरकार ने केदारनाथ धाम के रूट पर 24 घंटे के लिए घोड़ों-खच्चरों पर प्रतिबंध लगाया गया है। पशुपालन विभाग के सचिव बीवीआरसी पुरुषोत्तम ने बताया कि आठ घोड़ों और खच्चरों की मौत की सूचना मिली थी जबकि इससे पहले छह और घोड़े-खच्चरों की मौत हुई है।घोड़े-खच्चरों की मौत के पीछे के कारणों का पता लगाने का प्रयास किया जा रहा है। मौतों की जांच के लिए केंद्र से एक टीम भी पहुंचेगी। विदित हो कि 1 मई को केदारनाथ यात्रा के लिए हेलीकॉप्टर सेवाएं शुरू हो गईं हैं। तीर्थयात्रियों के लिए सुविधाजनक यात्रा विकल्प प्रदान करने के लिए उत्तराखंड के सोनप्रयाग से सेवाएं शुरू हुईं।हेलीकॉप्टर ऑपरेटर पवन राणा ने बताया कि आईआरसीटीसी पर ऑनलाइन टिकट उपलब्ध हैं, जबकि ऑफलाइन टिकट जिला मजिस्ट्रेट या सेक्टर मजिस्ट्रेट के माध्यम से मिलेंगे। बताया कि केदारनाथ के लिए हररोज 20 से 30 शटल सेवाएं उड़ान भी रहीं हैं, जो 150 से अधिक श्रद्धालुाओं को सेवाएं दे रही है।बताया कि हेली सेवा संचालन मौसम पर निर्भर करता है और खराब मौसम की स्थिति पर हेली टिकटों को कैंसिल किया जा रहा। कहना था कि तीर्थ यात्रियों की सुरक्षा पर विशेषतौर से फोकस है। विदित हो कि केदारनाथ धाम की उत्सव डोली 1 मई को धाम पहुंची थी, जिसके बाद 2 मई को कपाट दर्शनार्थ खोल दिए गए थे।उत्तराखंड मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी धामों के कपाट खुलने पर दर्शन करने को पहुंचे थे। धामी ने कहा था कि सरकार ओर से यात्रा को सुगम और सरल बनाने के लिए हरसंभव प्रयास किया जा रहा है। यमुनोत्री धाम के लिए विशेषतौर से मास्टर प्लान जा रहा है। बताया कि चारधाम यात्रा रूट पर बनुियादी सुविधाओं पर विशेषतौर से फोकस किया गया है।
केदारनाथ में क्यों अचानक इतने मर रहे हैं घोड़े-खच्चर, 24 घंटे के लिए बैन – Uttarakhand
