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उत्तराखंड में शीतकालीन चारधाम यात्रा ने पकड़ी रफ्तार, बर्फबारी-बारिश के बावजूद कम नहीं हुआ भक्तों का उत्साह – Uttarakhand

Winter Chardham Yatra in Uttarakhand has gained momentum, despite snowfall and rain, the enthusiasm of devotees has not diminishedWinter Chardham Yatra in Uttarakhand has gained momentum, despite snowfall and rain, the enthusiasm of devotees has not diminishedWinter Chardham Yatra in Uttarakhand has gained momentum, despite snowfall and rain, the enthusiasm of devotees has not diminishedइस खबर को शेयर करेंLatest posts by Sapna Rani (see all)देहरादून : उत्तराखंड में शीतकालीन चारधाम यात्रा (Winter Char Dham Yatra) अब श्रद्धालुओं के बीच एक प्रमुख आकर्षण का केंद्र बन गई है. 8 दिसंबर को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस यात्रा के कार्यक्रम की शुरुआत की और राज्य सरकार ने इसे सफल बनाने के लिए कई महत्वपूर्ण व्यवस्थाओं को सुनिश्चित किया है. उत्तराखंड में भीषण ठंड के बावजूद, श्रद्धालुओं का जोश और उत्साह ठंड की परवाह किए बिना बढ़ता जा रहा है.अब तक 5 हजार से अधिक श्रद्धालु शीतकालीन गद्दीस्थलों में पूजा-अर्चना कर चुके हैं. यह आंकड़ा यह बताता है कि चारधाम के कपाट बंद होने के बाद भी भक्तों की संख्या में कमी नहीं आई है. इस समय शीतकाल में बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री के गद्दीस्थलों में पूजा की जा रही है, जिससे श्रद्धालुओं को आध्यात्मिक शांति प्राप्त हो रही है.हरसंभव प्रयास ही हमारा लक्ष्यबद्रीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के मुख्य कार्यकारी अधिकारी विजय थपलियाल ने इस यात्रा को सफल बनाने के लिए राज्य सरकार और अन्य संबंधित विभागों की सराहना की है. उन्होंने बताया कि कई सरकारी विभागों ने इस यात्रा को बेहतर बनाने के लिए अपनी अहम भूमिका निभाई है. खास बात यह है कि शीतकालीन यात्रा का आयोजन इस बार पहली बार किया गया है और भक्तों की बढ़ती संख्या यह दर्शाती है कि जनवरी तक यह यात्रा और भी तेज़ी से बढ़ सकती है. अब तक तकरीबन 5 हज़ार से अधिक श्रद्धालु शीतकालीन गद्दीस्थलों में दर्शन कर चुके हैं.GMVN का श्रद्धालुओं के लिए ख़ास ऑफरवहीं, उत्तराखंड पर्यटन विभाग द्वारा श्रद्धालुओं को खास ऑफर भी दिए गए हैं. गढ़वाल मंडल विकास निगम (GMVN) के अतिथि गृहों (Guest House) में ठहरने पर 25 प्रतिशत की छूट दी जा रही है. इसके अलावा, मंदिर समिति के गेस्ट हाउस भी श्रद्धालुओं के लिए उचित कीमतों पर उपलब्ध कराए जा रहे हैं, ताकि सभी श्रद्धालु बिना किसी परेशानी के यात्रा का आनंद ले सकें.उखीमठ में विराजमान है बाबा केदारशीतकालीन चारधाम यात्रा न केवल आध्यात्मिक अनुभव प्रदान कर रही है, बल्कि यात्रियों को पहाड़ी क्षेत्रों की प्राकृतिक सुंदरता का भी आनंद भी मिल रहा है. केदारनाथ धाम के कपाट बंद होने के बाद बाबा केदार की पंचमुखी डोली उखीमठ स्थित ओंकारेश्वर मंदिर में विराजमान है, जहां अगले वर्ष कपाट खुलने तक पूजा-अर्चना की जा रही है. श्रद्धालु यहां पहुंचकर बाबा केदार के दर्शन कर रहे हैं.इन गद्दीस्थलों पर होती है पूजा-अर्चनाइसी तरह भगवान बद्री विशाल की डोली पांडुकेश्वर स्थित योग ध्यान बद्री मंदिर में पहुंचती है, जहां भक्त भगवान के दर्शन कर सकते हैं. मां गंगा की डोली मुखवा गांव और मां यमुना की डोली खरसाली स्थित उनके मंदिरों में विराजमान होती है. शीतकालीन यात्रा के दौरान इन गद्दीस्थलों मेंश्रद्धालुओं की संख्या बढ़ती जा रही है.