देहरादून- रायपुर के किद्दूवाला की रहने वाली महिमा बोहरा ने अपने कठिन परिश्रम और समर्पण से एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है। स्वामी रामा हिमालयन विश्वविद्यालय, जॉली ग्रांट से बीएससी नर्सिंग की डिग्री प्राप्त करने के बाद, महिमा ने मिलिट्री नर्सिंग सर्विस (MNS) परीक्षा की तैयारी की और उसमें सफलता प्राप्त करते हुए सेना के मेडिकल विंग में लेफ्टिनेंट के पद पर नियुक्ति पाई।
महिमा की प्रारंभिक शिक्षा केंद्रीय विद्यालय ओएलएफ, रायपुर में हुई। उनके पिता, श्री किशोर कुमार बोहरा, बॉर्डर रोड्स ऑर्गनाइजेशन (BRO) में चार्ज मैकेनिक के पद पर कार्यरत हैं, जबकि उनकी माता, श्रीमती अनीता बोहरा, एक गृहिणी हैं। उनके परिवार का सहयोग और महिमा का दृढ़ निश्चय उनके इस महत्वपूर्ण सफर में अहम रहा है।
कमांड हॉस्पिटल (ईस्टर्न कमांड), कोलकाता में महिमा की पासिंग आउट परेड (POP) अभी हाल ही में संपन्न हुई। यह उनके जीवन का एक महत्वपूर्ण क्षण है, जो उनकी कड़ी मेहनत और समर्पण का परिणाम है। महिमा ने अपनी काबिलियत और परिश्रम से यह साबित कर दिया है कि यदि इंसान ठान ले, तो कोई भी लक्ष्य असंभव नहीं होता।
महिमा की इस सफलता ने उनके परिवार और क्षेत्र के युवाओं के लिए एक प्रेरणा का कार्य किया है। उनकी इस उपलब्धि के पीछे न केवल उनका अथक परिश्रम है, बल्कि उनके परिवार का सहयोग और मार्गदर्शन भी शामिल है। महिमा का यह सफर दिखाता है कि कैसे एक सामान्य पृष्ठभूमि से आने वाला व्यक्ति भी उच्चतम स्थान पर पहुंच सकता है, यदि उसके पास लक्ष्य के प्रति समर्पण और संघर्ष करने की भावना हो।
महिमा बोहरा ने अपने दृढ़ संकल्प और मेहनत से यह साबित कर दिया है कि सफलता किसी विशेष परिस्थिति की मोहताज नहीं होती। उनके इस महत्वपूर्ण योगदान के लिए हम उन्हें शुभकामनाएं देते हैं और आशा करते हैं कि वह अपने कार्यों से सेना और देश का नाम रोशन करेंगी। उनके इस प्रयास ने हमें यह सिखाया है कि कठिनाइयों से डरने की बजाय, उन्हें चुनौती के रूप में स्वीकार करना चाहिए और अपने सपनों की ओर बढ़ते रहना चाहिए।