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चारधाम जाने वालों की जेब होगी ढीली! अब गाड़ियों पर ये टैक्स लगाएगी सरकार, ऐसे कटेंगे रुपये – Uttarakhand

People going to Char Dham will loose their pockets! Now the government will impose this tax on vehicles, this is how money will be deductedPeople going to Char Dham will loose their pockets! Now the government will impose this tax on vehicles, this is how money will be deductedPeople going to Char Dham will loose their pockets! Now the government will impose this tax on vehicles, this is how money will be deductedइस खबर को शेयर करेंLatest posts by Sapna Rani (see all)Chardham News: उत्तराखंड सरकार ने राज्य की सीमाओं में प्रवेश करने वाले वाहनों पर ग्रीन टैक्स लगाने की योजना को अंतिम रूप देने की प्रक्रिया शुरू कर दी है. इसके तहत, दूसरे राज्यों से उत्तराखंड में प्रवेश करने वाले वाहनों से एक निश्चित शुल्क वसूला जाएगा. यह कदम पर्यावरण संरक्षण और प्रदूषण को कम करने के उद्देश्य से उठाया जा रहा है.उत्तराखंड सरकार ने ग्रीन टैक्स के इस प्रस्ताव को केंद्र सरकार को भेजा है और उनकी सलाह मांगी है. केंद्र की सहमति मिलने के बाद इसे राज्य में लागू कर दिया जाएगा. ग्रीन टैक्स, जिसे प्रदूषण या पर्यावरण कर भी कहा जाता है, विशेष रूप से उन वाहनों पर लागू होगा जो पर्यावरण को नुकसान पहुंचाते हैं.उत्तराखंड में प्रवेश करने वाले वाहनों पर ग्रीन टैक्स लगाने के लिए ऑटोमेटिक नंबर प्लेट रिकॉग्निशन (एएनपीआर) तकनीक का उपयोग किया जाएगा. राज्य की सीमा पर लगाए गए एएनपीआर कैमरे वाहनों की नंबर प्लेट की पहचान करेंगे और संबंधित वाहन के फास्टैग वॉलेट से स्वचालित रूप से टैक्स की राशि कट जाएगी. यह प्रणाली उत्तराखंड की सभी सीमाओं पर लागू की जाएगी.दोपहिया वाहन: ग्रीन टैक्स से छूट मिलेगी.तीन पहिया वाहन: 20 रुपये का टैक्स.चार पहिया निजी वाहन: 40 रुपये का टैक्स.मध्यम व भारी वाहन: क्रमशः 60 रुपये और 80 रुपये का टैक्स.इलेक्ट्रिक वाहनों, सीएनजी वाहनों, राज्य नंबर प्लेट वाले वाहनों, सरकारी वाहनों, दमकल गाड़ियों और एंबुलेंस को ग्रीन टैक्स से पूरी तरह छूट दी जाएगी. इसके अलावा, आवश्यक सेवाओं में लगे वाहनों को भी इस कर से मुक्त रखा जाएगा.ग्रीन टैक्स लगाने का उद्देश्य राज्य में प्रदूषण को कम करना और पर्यावरणीय संतुलन बनाए रखना है. चारधाम यात्रा और अन्य पर्यटन गतिविधियों के कारण उत्तराखंड में वाहनों की संख्या में हर साल इजाफा हो रहा है, जिससे पहाड़ी क्षेत्रों की हवा और पर्यावरण पर नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है. 2024 में ही चारधाम यात्रा के दौरान 12 लाख वाहन उत्तराखंड पहुंचे, जिनमें 8 लाख से अधिक निजी वाहन थे. लगातार बढ़ती यह संख्या पर्यावरणीय दबाव को और अधिक बढ़ा रही है.परिवहन विभाग ने ग्रीन टैक्स लागू करने के लिए एक निजी कंपनी को नियुक्त करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है. इसके लिए टेंडर प्रक्रिया भी जारी है. ग्रीन टैक्स की यह नई व्यवस्था 23 जनवरी 2025 को प्रस्तावित निकाय चुनावों के बाद लागू हो सकती है.पर्यावरण को संरक्षित करने की दिशा में उठाया कदमउत्तराखंड सरकार ने स्थानीय निवासियों, आवश्यक सेवाओं में लगे वाहनों, और पर्यावरण-अनुकूल वाहनों को इस टैक्स से मुक्त रखने का फैसला किया है. यह कदम स्थानीय लोगों पर आर्थिक भार डाले बिना पर्यावरण को संरक्षित करने की दिशा में उठाया गया है.चारधाम यात्रा के दौरान राज्य में वाहनों की संख्या तेजी से बढ़ रही है. 2024 में यात्रा के दौरान 12 लाख वाहनों में से 4.59 लाख व्यावसायिक वाहन थे. इस बढ़ती संख्या से पर्यावरण पर दबाव बढ़ा है, जिसे नियंत्रित करने के लिए ग्रीन टैक्स को एक प्रभावी उपाय माना जा रहा है.उत्तराखंड परिवहन विभाग का कहना है कि ग्रीन टैक्स पर्यावरण संरक्षण के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है. इसके जरिए प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों को नियंत्रित किया जाएगा और लोगों को इलेक्ट्रिक और सीएनजी जैसे पर्यावरण-अनुकूल विकल्पों की ओर प्रोत्साहित किया जाएगा.यह ग्रीन टैक्स योजना पर्यावरणीय प्रदूषण को कम करने और पहाड़ी क्षेत्रों को संरक्षित करने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाती है. यह कदम न केवल पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देगा, बल्कि उत्तराखंड को प्रदूषण मुक्त राज्य बनाने की दिशा में भी एक महत्वपूर्ण पहल साबित होगा.